स्वरागिनी गायन ग्रुप ने अंतर्राष्ट्रीय मनोचिकित्सक डॉ स्वामीनाथन एवं ब्रह्माकुमारी सुंदरी दीदी का किया सम्मान

मनावर। योग का अर्थ संबंधों को जोड़ना होता है । पहले स्वयं से संबंध जोड़ें इसके बाद परमात्मा के साथ। जैसे-जैसे भौतिकता बढ़ती जा रही है आज मनुष्य अध्यात्म से दूर होता जा रहा है । साधन के साथ-साथ साधना भी आवश्यक है। उक्त संबोधन ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थानीय शाखा द्वारा आयोजित वाह जिंदगी वाह कार्यक्रम के तीसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय मनोचिकित्सक एवं माइंड मैनेजमेंट गुरु डॉक्टर स्वामीनाथन ने दिए।

उन्होंने आगे बताया कि स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए मन् और बुद्धि को समझना जरूरी है। मन् का काम है संकल्प करना बुद्धि का काम है चित्र बनाना। स्वामीनाथन ने आत्मा के सात गुणों को सहज रीति से कैसे याद करना है। वह सभी को बताया। कर्म योग की व्याख्या करते हुए कहा कि सारे दिन अपने स्वधर्म में टिकते हुए कर्म करना ही कर्म योग कहलाता है। जीवन में गणित के महत्व पर बोलते हुए कहा कि जीवन के बेसिक गणित को समझना भी आवश्यक है। जो हमें करना चाहिए यदि वह नहीं करते हैं तो परिणाम नकारात्मक होते हैं। जो करना चाहिए, वही हम करते है तो सकारात्मक परिणाम प्राप्त होता है । कार्यक्रम के अंत में स्वरागिनी गायन ग्रुप के संरक्षक विश्वदीप मिश्रा, अध्यक्ष संदीप जाजमे, उपाध्यक्ष कैलाश मंडलोई, सचिव सुखदेव राठौर, सुभाष सोलंकी द्वारा डॉक्टर ईवी स्वामीनाथन , केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सुंदरी दीदी एवं ब्रह्मा कुमार गणपत भाई का स्मृति चिन्ह एवं मैडल देकर सम्मान किया गया । कार्यक्रम का संचालन गणपत भाई एवं आभार सुंदरी दीदी ने माना।