इंदौर में पुलिसवालों से तरकीब सीख युवतियों-अफसरों से 50 लाख रुपए ठगे

इंदौर । मैं शिवम पुत्र नरेश चावरे पहले थाना प्रभारियों की गाड़ी चलाता था।धीरे-धीरे पुलिसवालों से दोस्ती कर ली।पुलिसवालों के साथ रहते-रहते बात करने का ढंग,पूछताछ का तरीका सीख गया।कद काठी ठीक ठाक थी।मैंने लोगों को ठगने की योजना बनाई और लाखों रुपये ले लिए। मेरी बातों पर किसी को शक नहीं हुआ।सब इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस अधिकारी तो मुझे लाखों रुपये यूं ही दे देते थे।
यह खुलासा गिरनार सिटी (सिमरोल रोड़) के महाठग शिवम चावरे ने किया है। शिवम से आजादनगर पुलिस धोखाधड़ी के मामले में पूछताछ कर रही है। उसके खिलाफ विनय मुकेश वर्मा की शिकायत पर केस दर्ज हुआ है। टीआइ नीरज मेढा के मुताबिक शिवम स्वयं से आर्मी इंटेलिजेंस,साइबर सेल,क्राइम ब्रांच,एसटीएफ अफसर बताता था। उसने विनय वर्मा को धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार करन की धमकी दी। करीब 3 लाख रुपये ले लिए। शिवम ने कहा वह साइबर सेल में पदस्थ है। तुम्हारे खाते में अवैध रुपयों का लेनदेन हुआ है। उसने विनय को गिरफ्तार कर जीवन बर्बाद करने की धमकी दी। विनय के पिता मुकेश ने कर्जा लेकर रुपये दे दिए। विनय छात्र है। उससे कुछ महीनों पूर्व चित्रांश शर्मा ने बैंक खाता किराये पर लिया था। चित्रांश ने विनय के खाते में तीन महीने में 2 करोड़ 67 लाख रुपये जमा करवाए। शिवम को उसके दोस्त प्रथम गुप्ता ने यह बात बता दी।शिवम ने साइबर सेल अफसर बनकर विनय को धमकाना शुरू कर दिया। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो पता चला एसआइ कमद मीणा से 18 लाख,एसआइ तिलक करोले से 3 लाख 50 हजार व कविता मिश्रा,अंकिता यादव,रानी मालवीय,अंशुमन यादव से भी लाखों रुपये ले चुका है।शिवम इंस्टाग्राम पर दोस्ती करता था।युवतियों को साइबर अफसर बताता था।उनसे शादी का वादा करता और शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर रुपये ले लेता था।