रुनीजा : हल की पूजा कर माताओ ने पुत्र के स्वस्थ जीवन व लंबी उम्र की की कामना

रुनीजा ।  गणेश चतुर्थी को रिद्धि सिद्धि के दाता गणेश की स्थापना के साथ ही 10 दिवस तक गणेश उत्सव के साथ-साथ अन्य उत्सव त्योहार मनाया जाता है ऋषि पंचमी के बाद 21 सितंबर को भगवान बलराम के जन्मोत्सव के अवसर पर हल छठ का पर्व भी पुत्र की माताओ द्वारा मनाया भगवान बलराम एवं हल की पूजा कर पुत्र के स्वास्थ्य एवं लम्बी उम्र की कामना का आशीर्वाद मांगती है। इस दिन पुत्र की माताएं भैस के दूध की बनी वस्तुओं का ही सेवन करती है गाय के दूध का उपयोग नहीं करती है। साथी हल से जोत कर पैदा की हुई किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करती है। विशेष कर सिंगाड़े व उसके आटे से बना भोजन ग्रहण करती हैं। हल छठ को भगवान बलराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है इसे बल्देव छट भी कहा इस दिन महिलाएं व्रत रखकर एक टाइम भोजन करती है। तथा पत्तल के दोने में मेवा , भुने चने , परमल आदि रखकर प्रशादी बांटती है। यह दाऊजी का प्रशाद माना जाता है। कही कही हल के साथ साथ भगवान बलराम की मिट्टी से मूर्ति बनाकर मूर्ति व हल की पूजा की जाती। हल भगवान बलराम अस्त्र भी है।