पद्मश्री प्रहलाद टिपाणिया होंगे प्रतिकल्पा शिखर से सम्मानित

उज्जैन ।  इस वर्ष संजा लोकोत्सव 1 से 8 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा। जिसमें 1 अक्टूबर को ह्लभारतीय लोक एवं जनजातीय साहित्य एवं संस्कृति: सामाजिक परिवर्तन, विविध परंपराएं और शैलियांह्ल विषय पर अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। वहीं शाम 7 बजे लोकोत्सव का विधिवत शुभारंभ मालवा के सुप्रसिद्ध लोकनाट्य मार्च की प्रस्तुति के साथ होगा।
प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था की मानसेवी निदेशक डॉ. पल्लवी किशन ने बताया कि 2 अक्टूबर को कालिदास अकादमी की संकुल हाल में लोकगायन एवं लोकनृत्य की एकल व सामूहिक की भव्य स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। जिसमें विभिन्न स्कूल, कॉलेज व ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे व कलाकार भाग लेंगे। 3 अक्टूबर को मालवी लोकनृत्य का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। 4 अक्टूबर को शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय दशहरा मैदान में संजा व मांडने का नि:शुल्क प्रशिक्षण एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा लेक्चर डेमांस्ट्रेशन दिया जाएगा। 5 अक्टूबर को राष्ट्र भारती हा.से.स्कूल चिंतामन जवासिया मे संजा व मांडने की प्रतियोगिता, कला-प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। 6 से 8 अक्टूबर लोक रंग-जात्रा की शुरूआत होगी जिसमें विभिन्न राज्यों राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, सागर, बुंदेलखंड म.प्र. एवं मालवा अंचल लोक कलाकार विभीन्न गांवों में प्रस्तुतियां देंगे। इसी श्रृंखला में 6 अक्टूबर को ग्राम ढोबला खुर्द में भव्य स्तर पर संजा व मांडना की प्रतियोगिता, कला -प्रदर्शनी एवं शाम 7 बजे लोक रंग-जत्रा का आयोजन होगा।
7 अक्टूबर को ग्राम लेकोड़ा के अवंतिका युनिवर्सिटी में शाम 7 बजे लोक रंग-जत्रा का आयोजन होगा। 8 को कालिदास अकादमी में प्रात: 9 बजे संजा व मांडना की प्रतियोगिता, कला-प्रदर्शनी तथा शाम को लोक रंग-जत्रा का आयोजन होगा तथा साथ ही मालवी संस्कृति पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का निर्माण कर प्रदर्शन किया जाएगा। प्रतिवर्ष लोक-कला के क्षेत्र में जीवन समर्पित करने वाले एक बड़े कलाकार -विद्वान को दिया जाने वाला प्रतिकल्पा शिखर सम्मान इस वर्ष पद्मश्री प्रहलाद टिपाणिया को दिया जाएगा, साथ मालवा एवं देश के विभिन्न अंचलों के लगभग आठ कलाकारों को प्रतिकल्पा लोक- कला सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। संस्था अध्यक्ष डॉ. शिव चौरसिया, लोकोत्सव के मुख्य समन्वयक डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा एवं अन्य सदस्य प्रकाशेंद्र माथुर, राकेश शर्मा, कुमार किशन, शीला व्यास, डॉ. पुष्पा चौरसिया, डॉ. अनिता चौधरी, प्रवीण चतुवेर्दी, सुधीर सांखला, बाबूलाल देवड़ा, लोकेंद्र व्यास, सुनील पित्रे, तरुणा जोशी, उज्जवला दुबे, लोकेश सिंह तोमर, विजय भागचंदानी, लोकेश भागचंदानी, रोहित सामदानी, शान्तनु, सिद्धार्थ भागचंदानी ने विभिन्न कला प्रेमियों से लोक संस्कृति के इस महायज्ञ से जुड़ने का आवाहन किया है।