काम को लेकर ग्रह निर्माण मंडल में महिला कर्मियों को रात तक रोका जाने लगा

-उपायुक्त दोहरे का मनमानीपूर्ण प्रशासन,महिला कर्मियों की सूनने वाला कोई नहीं

उज्जैन ।

मध्यप्रदेश ग्रह निर्माण मंडल के व्रत्त कार्यालय उज्जैन में उपायुक्त यशवंत दोहरे का मनमानीपूर्ण प्रशासन चल रहा है।सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों के विपरित यहां पर महिला कर्मचारियों को शाम के बाद भी रोका जा रहा है।रात 9 एवं 10 बजे तक कार्यालय में महिला कर्मचारियों को काम करना पड रहा है।मंडल कार्यालय में जारी मनमानी पास के कार्यालयों में चर्चा का विषय बनी हुई है।

ग्रह निर्माण मंडल व्रत्त कार्यालय में मनमानी के आदेश पर कर्मचारियों को काम करना पड रहा है।उपायुक्त के मौखिक आदेश पर ही यहां बहुत कुछ हो रहा है।हालत यह है कि कार्यालय समय पूर्ण होने के उपरांत शाम 6 बजे बाद भी महिला कर्मचारियों को साहब के आने के बाद शासन नियमों के विपरित कार्यालय में रूक कर काम करना पड रहा है।पास ही सि्थत जनसंपर्क कार्यालय एवं माध्यमिक शिक्षा मंडल कार्यालय के साथ ही प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी इस पर चर्चा करते हैं। इन चर्चाओं में सवाल उठाया जाता है कि ग्रह निर्माण मंडल में इन दिनों ऐसा कौन सा प्रोजेक्ट शुरू कर दिया गया है जिसमें रात 9-10 बजे तक बैठ कर कर्मचारी काम कर रहे हैं।यहां तक की शासन के नियम हैं कि महिला कर्मचारियों को शाम 7 बजे बाद कार्यालय में नहीं रोका जा सकता है उसके बावजूद यहां महिला कर्मचारी भी रूक कर काम करने को मजबूर हैं।मंडल के कर्मचारी बताते हैं कि कार्यालय में एक मात्र महिला कर्मचारी है उसे रोक कर काम लेना किसी भी सि्थति में सही नहीं कहा जा रहा है।

महिला समिति बनाम सफेद हाथी-

शासन निर्देश पर सभी शासकीय एवं  अर्द्ध शासकीय विभागों, निगम, मंडलों,प्राधिकरण में महिलाओं के लिए समिति बनाई गई हैं। इन समितियों में महिलाएं अपनी परेशानी एवं अन्य कार्यालयीन समस्याओं को रखती हैं।ग्रह निर्माण मंडल में यह समिति मात्र कागजों पर ही चल रही है।उपायुक्त के आदेश पर देर शाम तक महिला कर्मचारी के रूकने एवं काम करने की सि्थति को लेकर अब तक समिति की और से कोई आपति्त न लेना ही इस बात को प्रमाणित कर रहा है कि यहां की महिला समिति सफेद हाथी साबित हो रही है।बताया जा रहा है कि इस समिति को भी अधिकारियों ने खानापूर्ति के लिए बनाया है और उसी को कागजों में चलाया जा रहा है।आसपास के कार्यालयों की महिला समिति में भी इसे लेकर चर्चाओं में सवाल खडे किए जा रहे हैं।