भस्मारती में पहली राखी महाकाल को बंधी पहली बार असंख्य लड्डुओं का महाभोग

 

– पुजारी परिवार की महिलाओं ने बांधी राखी,  दिनभर दर्शनार्थियों में बांटे गए लड्‌डू 

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर बुधवार को ज्योतिर्लिंग महाकाल को सबसे पहले अल सुबह भस्मारती में रााखी बांधी गई। पहली बार असंख्य लड्‌डुओं का महाभोग लगाया गया। ये लड‌डू भोग लगने के बाद दिनभर मंदिर में आए दर्शनार्थियों को प्रसाद स्वरूप बांटे गए। 

भस्मारती के पुजारी प्रदीप गुरु, दिलीप गुरु, बबलू गुरु के परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल को घर से लाई गई आकर्षक राखी बांधी। देशभर के श्रद्धालुओं ने महाकाल के आंगन में उपस्थित होकर भस्मारती में रक्षाबंधन का पर्व मनाया। तड़के 3 बजे मंदिर के पट खोले गए। गर्भगृह में पंचामृत अभिषेक पूजन के पश्चात भगवान महाकाल को परंपरा अनुसार सबसे पहले राखी अर्पित की गई। इसके बाद पुजारी परिवार की 8 महिलाओं ने मिलकर भगवान को रेशमी धागे, विशेष वस्त्र व आभूषण से बनी दो फीट चौड़ी राखी बांधी। इसके पश्चात असंख्य लड्‌डुओं का महाभोग अर्पित किया गया। वैसे परंपरा है कि राखी पर भगवान महाकाल को सवा लाख लड्‌डू अर्पत किए जाते हैं लेकिन इस बार पुजारी प्रदीप गुरु की भस्मारती में यह भोग आने से बड़ी संख्या में बाबा के लिए भोग तैयार किया जिसे असंख्य नाम दिया गया। 

पहली बार अभिषेक स्थल पर 

महल, लड्‌डुओं की गोल झांकी 

मंदिर परिसर में इस बार रक्षाबंधन पर्व पर महाभोग के रूप में सजाई गई लड्‌डुओं की झांकी पहली बार गोलाकार में सजाई गई। पुजारी यश गुरु, माधव गुरु ने बताया अभिषेक स्थल पर महल तैयार किया गया तो रंग-बिरंगी लाइटिंग के साथ ही यहां महाकाल के स्वरूप चांदी की प्रतिमाएं भी दर्शन हेतु रखी गई। गोल झांकी बनाने के लिए विशेष रूप से छोटे-बड़े लड्‌डू के थाल तैयार किए गए थे। वहीं लड्‌डू रंगीन भी बनवाए गए थे। साथ में फलों की टोकरी, ड्रायफ्रूटस व अन्य प्रकार की मिठाई भी पहली बार ही रखे गए।  

25 क्विंटल बेसन, 20 क्विंटल घी 

से बने इतने लड्‌डू, 45 लोग लगे 

इन असंख्य लड्डुओं को बनाने में मंदिर के मानसरोवर की ऊपरी बिल्डिंग में इंदौर से आए मुख्य हलवाई के साथ 45 लोगों की टीम लगाई गई। जिसमें 25 क्विंटल बेसन, 25 क्विंटल शक्कर, 20 क्विंटल शुद्ध घी, डेढ़ क्विंटल काजू, डेढ़ क्विंटल किशमिश, 50 किलो इलाइची का उपयोग किया गया।