नियमों की आड़ में वसूली के लिए धौंस जमाते हैं नापतौल विभाग के अफसर, नहीं सहेंगे मनमानी

इंदौर ।  नापतौल विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली से प्रदेश में नापतौल के उपकण बेचने, सुधार करने वाले सभी लाइसेंसधारी व्यापारी परेशान हैं। व्यापारियों की छोटी-छोटी गलतियों पर भी अधिकारी लाइसेंस निरस्त करने की धमकी देते हैं। इसे अब व्यापारी बर्दाश्त नहीं करेंगे। यदि व्यापारियों की कोई गलती हो तो उसे नोटिस देकर सुधार करने का मौका दिया जाना चाहिए।
ये बातें नापतौल उपकरण व्यापारी समिति के सदस्य सत्येंद्र सचान ने रविवार को बायपास स्थित सम्पत पैलेस में नापतौल उपकरण व्यापारी समिति के सदस्यों के प्रांतीय अधिवेशन में कही। इसमें प्रदेश के सभी जिलों से 500 से अधिक व्यापारी शामिल हुए। सचान ने बताया कि विभाग के इंस्पेक्टरों को नियम मालूम नहीं है और वे दक्ष भी नहीं हैं। उन्हें नापतौल के उपकरण की जांच करना भी नहीं आता।
व्यापारी संघ के अध्यक्ष हरीश शर्मा ने बताया कि विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद भी कई अधिकारी बेवजह व्यापारियों को फोन कर नियमों का हवाला देकर वसूली के लिए धौंस जमाते हैं। यदि किसी भी व्यापारी को बेवजह परेशान किया गया तो सभी एकजुट होकर प्रदेश स्तर पर आंदोलन करेंगे। पूर्व में लाइसेंसधारक व्यापारियों को परीक्षा देकर दक्षता प्रमाण पत्र लेने की बाध्यता की गई। विभाग के पोर्टल पर विसंगतियां हैं, जिन्हें दूर नहीं किया जा रहा है।
भ्रष्ट अधिकारियों की जांच कर जेल में डालें
मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए एसोसिएशन आफ एमपी के अध्यक्ष योगेश मेहता ने कहा कि अधिकारियों द्वारा बेवजह व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है। सरकार से मांग करेंगे कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले ऐसे अफसरों की लोकायुक्त जांच कर जेल में डाला जाए। व्यापारियों ने बताया कि भोपाल के एक सेवानिवृत्त अधिकारी कई व्यापारियों को फोन कर वसूली के लिए परेशान कर चुके हैं। उनके खिलाफ पूर्व में राज्य शासन को शिकायत भी की थी। इस पर उनके खिलाफ जांच भी की गई थी।