फर्ज पूरा करने पर धाकड़ युवा संघ ने बेटियो का किया सम्मानित


खाचरौद। एक ऐसी हकीकत जो आपने फिल्मों में देखी होगी, ऐसा कार्य दो बेटियों ने अपनी मां के लिया किया, बेटियों की मां का पूरा नाम गीताबाई पति गोवर्धन लाल धाकड़ जिनकी शादी मोडीराम नायमा के पुत्र गोवर्धनलाल के साथ हुई शादी के 4 वर्ष बाद ही के पति व ससुर की मृत्यु कुएं में खुदाई के समय विस्फोट होने से उनकी मृत्यु हो गई थी, जब उनकी बड़ी पुत्री चंदा बाई मात्र 2 वर्ष की थी वह छोटी पुत्री सुगना बाई गर्भ में ही थी एक साथ घर के मुखिया का चले जाना वह भी मात्र 20 वर्ष की बाल्यावस्था में ही विधवा जीवन बिताना, इस दुख भरी स्थिति में जीवन में बहुत बाधाए आई, खुद को संभालना उसके बाद 2 साल की बेटी व गर्भ में बेटी को जन्म देना, व दोनों बेटियों की परवरिश करना इसके बाद मेहनत मजदूरी कर बेटियों को पढ़ाया, इस विषम परिस्थितियों में बड़ी बेटी दूसरी तक पढ़ाई की, घर की स्थिति को देखते हुए बड़ी बेटी चंदा ने मां का हाथ बढ़ाते हुए अपनी पढ़ाई छोड़ दी व एक सपना सजाया कि मेरी छोटी बहन को पढ़ा लिखा कर आगे बढ़ाएंगे, छोटी बहन ने अपनी मां और बहन के संघर्ष को देखा व बहुत मन लगाकर पढ़ाई की जिस समय धाकड़ समाज में कोई भी लड़कियों को पढ़ाता नहीं था, उसे समय छोटी बेटी सुगना ने हाई सेकेंडरी पास कि उस समय धाकड़ समाज की एकमात्र लडकी थी, जिसे हाई सेकेंडरी स्कूल पास की और उसके बाद धाकड़ बाल विद्या मंदिर स्कूल में पहले अध्यापिका के रूप में शिक्षक के रूप में सेवाये दी।