इंदौर के कुछ सरकारी स्कूलों में बढ़ रही नशाखोरी, शिक्षक भी नहीं देते ध्यान

इंदौर। न्यू पलासिया स्थित सरकारी स्वामी विवेकानंद स्कूल में 12वीं के छात्र की दिनदहाड़े हत्या के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या अन्य सरकारी स्कूलों में भी नशाखोरी तेजी से फैल रही है। नशे के सौदागर कुछ प्राइवेट स्कूलों या उनके आसपास की दुकानों से भी चोरी छुपे नशे का कारोबार कर रहे हैं। यह बात तो बरसों से महसूस की जा रही है कि इंदौर का नवयुवा तेजी से नशे की गिरफ्त में आता जा रहा है। इसको लेकर कई बार चिंता भी जताई गई। पुलिस द्वारा भी नशे के खिलाफ अभियान चलाया गया। स्वामी विवेकानंद स्कूल में नशे को लेकर हुई छात्र की हत्या के बाद कई खुलासे सामने आ रहे हैं, लेकिन यह सभी दबी जुबां से हैं।
विवेकानंद स्कूल से पास आउट हो चुकी छात्राओं का आरोप है कि स्कूल परिसर में जमाकर नशाखोरी होती है। टीचर्स को शिकायत करने पर वे उलटा छात्रों पर ही नाराज होते हैं। उन्हें शिकायत से कोई लेना-देना नहीं होता। दूसरी ओर स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र की मां भी स्कूल पहुंची। उन्होंने बताया कि जिस छात्र की हत्या हुई वो उनके बेटे का दोस्त था। घटना के बाद वो डर गया है। ऐसे माहौल में बच्चों को कैसे पढ़ाएंगे।

नशाखोरी की शिकायत मिलने पर भी शिक्षक ध्यान नहीं देते

स्कूल की पूर्व छात्रा मनीषा ने बताया कि स्कूल में बच्चे सिगरेट भी पीते हैं। परिसर में गाली-गलौज भी करते हैं, मगर स्कूल प्रशासन की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया जाता। सर से शिकायत करते हैं तो वे छात्रों की शिकायत पर ध्यान नहीं देते। स्कूल का यमाहौल इतना खराब है कि मैंने एक साल पहले ही स्कूल छोड़ दिया।