महाकाल के गर्भगृह में प्रवेश बंद  तो साधना, कैलाश, गोलू कैसे गए

– कांग्रेस पार्षद का आरोप, मुझे ही अंदर जाने से क्यों रोका

– एक मंदिर में दो नियम कैसे चल रहे, यह भेदभाव कैसा

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन।

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में श्रावण के अधिकमास में जब आम से लेकर खास तक सभी श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है तो फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह अपनी सहेलियों के साथ, भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय और गोलू शुक्ला, वीडी शर्मा जैसे कई भाजपा के नेता अंदर जाकर आखिर कैसे दर्शन कर रहे हैं। यह कहना है उज्जैन की कांग्रेस से पार्षद श्रीमती माया राजेश त्रिवेदी का। 84 महादेव यात्रा पूर्ण कर श्रीमती त्रिवेदी 100 महिलाओं के साथ कावड़ लेकर जब महाकाल मंदिर में दर्शन करने व गर्भगृह में जल चढ़ाने के लिए पहुंची तो मंदिर प्रशासन ने उन्हें प्रवेश बंद होने का हवाला देकर रोक दिया था। श्रीमती त्रिवेदी ने इसी बात पर कहा कि एक मंदिर में दो नियम कैसे। यहां तो शुद्ध राजनीति चल रही है। जिसकी सरकार हो क्या वहीं अंदर जा सकता है। आम श्रद्धालु या अन्य कोई को अंदर जाने की अनुमति नहीं है। जबकि उन्होंने अपनी यात्रा को लेकर एक दिन पहले ही मंदिर समिति को दर्शन व जल चढ़ाने के लिए आवेदन देकर जानकारी दे दी थी। पार्षद त्रिवेदी ने कहा कि बहुत सारे वीआईपी नेता अंदर जाकर दर्शर कर रहे हैं। मंदिर प्रशासन ने इन्हें नियम का हवाला देकर क्यों नहीं रोका। और यदि वे जा सकते हैं तो हमें अनुमति क्यों नहीं है। इस विषय को लेकर अब एक नया विवाद शुरू हो गया है।

शनिवार की सुबह 9.35 बजे भी

कोई गया व गर्भगृह से पूजा की

पार्षद त्रिवेदी ने पत्रकारों को एक यूट्यूब वीडियो व फोटो जारी किए है। जिसमें शनिवार की सुबह ठीक 9 बजकर 35 मिनट से 9 बजकर 46 मिनट के बीच भी कोई व्यक्ति है जो अंदर गया और गर्भगृह में दर्शन-पूजन करते स्पष्ट दिखाई दे रहा है। पार्षद त्रिवेदी का कहना है कि गर्भगृह में प्रवेश बंद के दौरान यदि नियम की बात करे तो केवल पंडे-पुजारियों को ही जाने की अनुमति है तो फिर यहां तो कोई पूजा करते दिख रहा और कोई पंडा-पुजारी उनकी पूजन कराते हुए नजर आ रहा है। ये कैसा भेदभाव है। प्रशासन स्पष्ट करे।

कांग्रेस नेत्री नूरी खान व पंडा

समिति ने भी किया विरोध  

कांग्रेस नेत्री नूरी खान व श्री क्षेत्र पंडा समिति उज्जैन के सदस्यों ने भी महाकाल मंदिर में गर्भगृह से दर्शन को लेकर किए जा रहे इस भेदभाव का विरोध किया है। नूरी खान व समिति के मनोज दुबे, अखिलेश चौबे आदि ने कहा कि श्रीमती त्रिवेदी पार्षद होने के साथ ही तीर्थ पुरोहित एवं मंदिर में पुजारी परिवार की बहू है। ऐसे में उन्हें गर्भगृह में जाकर जल चढ़ाने से रोकना उचित नहीं है। प्रशासन के इस अव्यवहार की समिति के धर्मेश हाड़ा, मनीष डिब्बावाला, दीपक पांडे, श्याम पंचोली, आशीष त्रिवेदी, संतोष दुबे आदि ने भी विरोध किया है।