इंदौर में बाघ ने किया बुजुर्ग चरवाहे का शिकार, खून से लथपथ कपड़े मिले

200 फीट नीचे खाई में मिला क्षत-विक्षत शव

इंदौर। गांव से एक किलोमीटर दूर जंगल में मवेशी चराने गए एक बुजुर्ग को बाघ ने अपना शिकार बना लिया। बुजुर्ग का हाथ सहित आधे से ज्यादा शरीर बाघ खा गया। ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को घटना की सूचना दी गई। जिसके बाद वन विभाग के साथ ही पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई।
ग्रामीणों ने बाघ को बुजुर्ग के शव को खाते हुए भी देखा है। वन विभाग ने मृतक के परिजनों को अंतिम संस्कार के 25 हजार रुपए नगद दिए। वहीं 8 लाख रुपए की आर्थिक मदद की जाएगी। जंगल में बाघ के पगमार्क के निशान दिखाई दे रहे हैं।
मामला महू रेंज के ग्राम मलेंडी से लगे हुए जंगल का है। जिस जगह बाघ ने शिकार किया है वहां ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही बाघ के पग मार्क्स वाले इलाके में चौबीस घंटे मॉनिटरिंग की जाएगी।
ग्रामीणों के मुताबिक मलेंडी गांव के रहने वाले 60 वर्षीय सुंदरलाल पिता गंगाराम रविवार सुबह मवेशी चराने के लिए जंगल में गए थे। ग्रामीणों के अनुसार रविवार सुबह करीब 8 बजे बेटा हरिनारायण और पोती रानी उन्हें खाने देने के लिए जंगल गए।
दोनों ने सुंदरलाल को ढूंढा लेकिन वे नहीं मिले। इस दौरान सुंदरलाल के कपड़े खून से सने हुए देख वे घबरा गए। पता चलने पर परिजन ग्रामीणों के साथ जंगल की ओर गए। जंगल में ग्रामीणों ने बाघ को सुंदरलाल के शव को खाते हुए देखा। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने जब सुंदरलाल को ढूंढा तो वह घटनास्थल से 200 फीट नीचे खाई में उनका शव पड़ा मिला।
वन विभाग के फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर वैभव उपाध्याय ने बताया कि बाघ ने जिस जगह सुंदरलाल को पकड़ा, वहां शिकार करने के बाद घसीटकर दो सौ मीटर दूर ले गया। वहां ले जाकर मृतक के शरीर को खाना शुरू कर दिया। इसके बाद सुंदरलाल के शरीर के कुछ अंगों को मुंह में दबाकर सौ मीटर दूर गया। इससे पहले 8 व 10 मई को भी आर्मी वॉर एरिया में बाघ देखा गया।

गांव के दोनों तरफ बड़े-बड़े खेत और जंगल

मलेंडी, आशापुुरा, बड़गोंदा गांव की मेनरोड के दोनों तरफ जहां तक नजर जाए खेत नजर आते हैं। तीनों गांव जंगल से घिरे हुए हैं। इस वजह से 15 से 20 लोगों की रेस्क्यू टीम इतने बड़े एरिया में बाघ को नहीं तलाश पा रही है। ग्रामीण कहते हैं, वन विभाग मुनादी करवाकर बेफिक्र हो गया है, लेकिन हमारी नींद उड़ गई है। अब लोग दिन में भी निकलने में डरने लगे हैं। रात में ठीक से नींद नहीं आती। मवेशियों पर ज्यादा खतरा है।