शिक्षक एक भावी पीढ़ी का निर्माण करने वाला होता है- महेन्द्र भगत

बड़नगर। आचार्य परिवार को शिक्षा में नवीनता लाने एवं शिक्षक को अपडेट ओर अपग्रेड होना चाहिए। शिक्षा में आधुनिकता का समावेश करने ओर तकनिक का प्रयोग करना चाहिए। एक आचार्य को प्रतिदिन स्वाध्याय करना चाहिए। प्रार्थना करते समय हमारे मन में जो भाव रहते है, वही भाव भैया बहिनों को पढ़ाते समय एक आचार्य में होना चाहिए। आचार्य को किसी भी विद्यार्थी के प्रति दुर्भावना नहीं रखनी चाहिए। शिक्षक को हर विद्यार्थी की परेशानी को हल करना चाहिए, क्योंकि शिक्षक एक भावी पीढ़ी का निर्माण करने वाला होता है। उक्त विचार महेन्द्र भगत विभाग समन्वयक सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मालवा उज्जैन विभाग ने स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर उ.मा.वि. बदनावर मार्ग बड़नगर पर चल रहे तीन दिवसीय आचार्य अभ्यास वर्ग के तृतीय दिवस के संवाद सत्र में सम्मिलित आचार्य /दीदी के समक्ष व्यक्त किये। इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष अशोक गोधा एवं संस्था प्राचार्य विष्णु श्रोत्रिय भी मंचासीन थे।