April 19, 2024

भोपाल। कर्नाटक में कांग्रेस की पकड़ मजबूत होना महज एक चुनावी जीत ही नहीं है, बल्कि यह चुनाव मध्यप्रदेश में भाजपा के लिए खतरे की घंटी है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिस ढंग से बहुमत हासिल किया है और तमाम प्रचार-प्रसार के बावजूद भाजपा को पीछे छोड़ा है, उसने मध्यप्रदेश में भाजपा के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक राज्य के चुनाव का दूसरे राज्य पर फर्क पड़ता है। इसकी बड़ी वजह यह होती है कि अब तक मध्यप्रदेश में हतोत्साहित कांग्रेस को नई ऊर्जा मिलेगी। वहां पंजे ने पकड़ बनाई और यहां कांग्रेसियों को लगेगा कि यदि थोड़ा सा और जोर मार लिया जाए तो मध्यप्रदेश भी पंजे की पकड़ में आ सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में विपरीत परिस्थितियों में भी दूसरे दलों के सहयोग से सरकार बना ली थी। कर्नाटक के चुनाव मध्य प्रदेश में नए राजनीतिक समीकरण खड़े कर सकते हैं। इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि अब तक लोग कांग्रेस से भाजपा में शामिल होते रहे हैं, परंतु पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पूर्व मंत्री पुत्र दीपक जोशी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद भाजपा का यह तिलस्म टूट रहा है। भाजपा से भी कई असंतुष्ट अब कांग्रेस की ओर देख रहे हैं, हालांकि असंतुष्टों को मनाने के प्रयास भाजपा अपने स्तर पर पूरे जोर-शोर से कर रही है। कर्नाटक में कांग्रेस की जीत ने निश्चित रूप से भाजपा के लिए एक सवाल खड़ा किया है।

क्या यह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का असर ?

कर्नाटक की इस जीत को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से भी जोड़कर देखा जा रहा है। यह भी ध्यान रहे कि यह यात्रा मध्यप्रदेश में भी काफी सफल हुई थी।