संविधान निर्माता की जयंती पर 19 बंदियों की सजा हुई माफ

उज्जैन। संविधान निमार्ता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर जेल मुख्यालय ने नई पहल की शुरूआत करते हुए आजीवन कारावास की सजा के दौरान अच्छा आचरण रखने वाले बंदियों को रिहा करने का फैसला लिया है। शुक्रवार को जहां देश बाबा साहब की जयंती मना रहा था, वहीं केन्द्रीय जेल से 19 बंदी भी अपनी रिहाई पर खुश थे।
केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ अधीक्षक हिमानी मनवारे ने बताया कि जेल मुख्यालय से संविधान निमार्ता भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर आजीवन कारावास की सजा पाए बंदियों को अच्छे आचरण, व्यवहार और जेल नियमों का पालन करने पर रिहा करने का निर्णय लिया गया था। शासन की इसी माफी का लाभ आजीवन कारावास का दोष सिद्ध होने पर केन्द्रीय जेल में बंद 18 पुरुष और 1 महिला बंदी को रिहा किया गया है। जेल मुख्यालय से गुरुवार शाम आदेश आने पर उनके परिजनों का रिहाई की खबर भेजी गई थी। शुक्रवार को रिहा होने वाले बंदियों को पुष्पमाला पहनाई गई और ढोल-बैंड के साथ जेल परिसर से बाहर लाया गया। इस बार हत्या के साथ अन्य प्रकरणों में हुई आजीवन कारावास की सजा पाने वालों को भी रिहा किया गया है। रिहाई पाने वाले को प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और बैंक पासबुक सौंपी गई है। जिसमें उनके द्वारा सजा के दौरान किये गये कामों का पारितोषित जाम है। गौरतलब हो कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर को संविधान निमार्ता के साथ समाज सुधारक के रुप में माना जाता है। यही वजह है कि उनकी जयंती पर समाज का ही अंग माने जाने वाले बंदियों को उनके अपराधों के बाद सुधारता देख शासन ने रिहा करने का निर्णय लिया और एक नई पहल की शुरूआत की।