April 25, 2024

इंदौर। ‘जिस प्रकार बालिका की बर्बरतापूर्वक, जघन्य तरीके से हत्या की गई वह उसकी (आरोपी) क्रूर, बर्बर मानसिकता, संवेदनहीनता, पाशविक प्रकृति को दर्शित करता है। ऐसा अपराधी किसी भी प्रकार की दया, संवेदना का पात्र नहीं है।’ यह तीखी टिप्पणी इंदौर में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 7 साल की बच्ची के हत्यारे सद्दाम को मृत्युदंड की सजा सुनाते हुए की।
कोर्ट ने कहा- ‘उसके द्वारा भविष्य में किसी अन्य बालिका के साथ इस प्रकार के अपराध की पुनरावृत्ति किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। अभियुक्त द्वारा मृतिका मासूम बालिका के साथ बर्बरतापूर्वक इस तरह का अपराध किया जाना किसी भी सामान्य मस्तिष्क की चेतना में आक्रोश व घृणा उत्पन्न कर सकता है। अभियुक्त द्वारा जिस बर्बर तरीके से अमानवीयता की हदों को पार करके यह अपराध किया गया है, वह स्पष्ट करता है कि अभियुक्त पूरे समाज के लिए खतरनाक है, समाज के लिए नासूर है, उसका पुनर्वास होना संभव नहीं है। अत: इस मामले में अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध विरल से विरलतम की श्रेणी में आता है।’

सद्दाम की दरिंदगी

ये वारदात पिछले साल 23 सितंबर को इंदौर के आजाद नगर क्षेत्र में हुई थी। सुबह 11 बजे वाटर पंप के पास एक 7 साल की मासूम घर के बाहर खेल रही थी। आरोपी सद्दाम उसे जबरदस्ती उठाकर खुद के घर गणेश चौक ले गया। उसने घर का दरवाजा बंद कर दिया। बच्ची रो रही थी। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसी भी वहां पहुंच गए। आरोपी की यह हरकत देख उसे छुड़ाने के लिए वहां रहने वाली एक महिला उसके पीछे दौड़ी, लेकिन उसके पहुंचने से पहले ही सद्दाम ने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। आरोपी सद्दाम ने चाकू से एक के बाद एक उस पर कई वार कर दिए। लोगों ने सद्दाम के घर का दरवाजा खटखटाना शुरू किया। काफी देर बाद उसने दरवाजा खोला। उसके हाथ में खून से सना चाकू था। वह रहवासियों को चाकू दिखाते हुए जान से मारने की धमकी देकर भागने लगा। लेकिन यहां लोगों ने सद्दाम को पकड़ लिया और पीटकर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। शरीर की ऐसी कोई जगह नहीं जहां सद्दाम ने मासूम को चाकू न मारा हो।