April 24, 2024

भोपाल। ​​​​​​मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है। मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के अंडर में फेक फैकल्टी वाले प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज संचालित हैं। कई फैकल्टी ऐसे हैं, जो एक ही सेशन के दौरान कई कॉलेजों में काम कर रहे हैं।
यह गड़बड़ी एक ही फैकल्टी का अलग-अलग रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज की गई है। इसकी एक बानगी देखिए, फैकल्टी का नाम है विष्णु कुमार स्वर्णकार, जो 15 नर्सिंग कॉलेजों में प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और एसोसिएट प्रोफेसर है। 2021-22 के लिए 9 कॉलेजों की मान्यता निलंबित हो चुकी है। बाकी के 6 कॉलेजों में वो अब भी पदस्थ है।

हाईकोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक, विष्णु स्वर्णकार 2021-22 में मंडला के भरत इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग में प्रिंसिपल, इंदौर के जगदगुरु दत्तात्रेय कॉलेज ऑफ नर्सिंग में असिस्टेंट प्रोफेसर, जबलपुर की बंसल एकेडमी ऑफ नर्सिंग साइंस एंड लर्निंग में प्रिंसिपल और इंदौर के सफायर इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड साइंस में बतौर प्रिंसिपल दर्ज मिले।
इसी तहर एक लीना नाम की टीचिंग स्टाफ के 18 माइग्रेशन नंबर जनरेट किए गए। कहीं पर उसका नाम सिर्फ लीना लिखा गया तो कहीं पर कुमारी लीना और कहीं पर लीना के अलावा कई सरनेम लिखे गए। उसकी जन्म तारीख को बदल दिया गया। अलग-अलग कॉलेज में उसका पद बदलकर दिखाया गया।
फर्जीवाड़ा करने में छतरपुर, बालाघाट, बड़वानी, बैतूल, नर्मदापुरम, धार, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, खरगोन, सीहोर आदि जिलों के कॉलेज भी शामिल हैं।

फर्जी कॉलेजों में टीचर भी फर्जी

पवन कुमार शर्मा: सत्र 2021-22 में ग्वालियर के भास्कर कॉलेज ऑफ नर्सिंग में बतौर प्रिंसिपल व अन्य पदों पर विभिन्न कॉलेजों में एक ही समय में हैं। प्रो.मजहर जहां: सत्र 2021-22 में ग्वालियर के BIPS कॉलेज ऑफ नर्सिंग में असिस्टेंट प्रोफेसर थे। इसी दौरान वे इंदौर के परिजात नर्सिंग कॉलेज में वाइस प्रिंसिपल सहित कई कॉलेजों में दर्ज मिले।
दो पॉइंट्स पर हुई जांच में खुल गई पोल

इंदौर के 16 और भोपाल के 8 कॉलेजों की मान्यता रद्द

इस सूची में भोपाल के 8 नर्सिंग कॉलेज हैं। इसमें एलएन, चिरायु, कस्तूरबा, कुशाभाऊ ठाकरे और आइसेक्ट आदि शामिल हैं। इंदौर में 16 और जबलपुर में 7 नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द की गई है। इसके साथ ही रीवा, सतना, खंडवा, विदिशा, उज्जैन और सागर के कॉलेज शामिल हैं। इसमें से 80 कॉलेजों की मान्यता अस्थाई रूप से बहाल भी कर दी गई है। 13 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता अब भी रद्द है।