April 25, 2024

 

प्रसव वाले मल्हारगंज अस्पताल को संभाल रहे नाक कान गला विशेषज्ञ

इंदौर। शासकीय अस्पतालों में बेहतर से बेहतर इलाज और विशेषज्ञ डाक्टरों की मौजूदगी का दावा मल्हारगंज अस्पताल में दम तोड़ता नजर आता है। इस अस्पताल में सिर्फ प्रसव होते हैं और यहां हर माह औसतन 50 नवजात जन्म लेते हैं। इसके बावजूद यहां न स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और न ही शिशुरोग विशेषज्ञ। यहां दो दंतरोग विशेषज्ञ और एक नाक-कान-गला रोग विशेषज्ञों की पदस्थापना की गई है। इन बीमारियों से जुड़े मरीज यहां आते ही नहीं हैं। यहां नेत्ररोग विभाग भी बनाया गया है लेकिन इसका भी कोई विशेषज्ञ यहां नहीं है।

महिलाओं के इस अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था भी लचर है। शाम होते ही यहां असामाजिक तत्वों की आवाजाही शुरू हो जाती है। परिसर में जगह-जगह शराब की बोतलें और गंदगी पसरी रहती है। सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ओपीडी में खासी संख्या में मरीज आते हैं। सफाईकर्मियों की संख्या भी भरपूर है लेकिन सबसे स्वच्छ शहर के बीच बने इस अस्पताल को देखकर कोई नहीं कह सकता कि यहां सफाई होती है। अस्पताल की सफाई भी यहां पदस्थ डाक्टर दो निजी कर्मचारियों से करवाते हैं।
सघन बस्तियों से घिरा मल्हारगंज अस्पताल अवैध कब्जों का शिकार भी हो रहा है। सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक ओपीडी रहती है। अस्पताल बंद होते ही परिसर में शराबी कब्जा जमा लेते हैं। जमकर शराबखोरी होती है। 30 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में कचरा और गंदगी फैली है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी क्या करते हैं, किसी को नहीं पता। अस्पताल की सफाई की जिम्मेदारी दो निजी कर्मचारियों के पास है।