March 28, 2024

इंदौर। सूझबूझ के मामले में अफसर अक्सर बगैर सोचे समझे कुछ ऐसे फैसले ले लेते हैं, जिनका भुगतान आम जनता को करना पड़ता है और उनकी रोजी-रोटी पर संकट तक आ जाता है। एक पखवाड़े पहले मौसम विभाग ने दो दिन भारी बारिश की चेतावनी दी थी। अफसरों ने ऐसी सूझबूझ दिखाई कि 15 दिन के लिए इंदौर के आसपास के तमाम पर्यटन स्थल बंद कर दिए। नतीजा यह हुआ कि चोरल, पातालपानी, कालाकुंड, कजलीगढ़ जैसे 15 गांवों की अर्थव्यवस्था ही चौपट हो गई।
यहां के 300 से ज्यादा ग्रामीण कारोबारियों के 70 लाख रुपए से अधिक का व्यापार डूब गया, क्योंकि इसी दौरान करीब दो लाख पर्यटक यहां पहुंचते हैं। इसके बाद त्योहार शुरू हो जाने से लोगों की आवाजाही बहुत कम रह जाती है। जबकि इस बीच शहर में मात्र दो इंच बारिश हुई। बाकी दिन धूप खिली रही, लेकिन अफसरों ने अपने निर्णय पर पुनर्विचार तक नहीं किया।
ज्यादातर गांव पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र महू के हैं, बावजूद किसी जनप्रतिनिधि ने भी लोगों की व्यथा नहीं उठाई। पर्यटन स्थलों के एक-एक किमी पहले बैरिकेड लगाकर धारा 144 का आदेश चस्पा कर दिया।
हैरानी की बात यह है कि मौसम विभाग पांच दिन से ज्यादा की भविष्यवाणी जारी नहीं करता है। 16 अगस्त को जारी बुलेटिन में एक जगह 14.00 आईएसटी लिखा है। यह अगले 14 दिनों के लिए नहीं, बल्कि बुलेटिन जारी होने का समय है।
फोरकास्टिंग इंचार्ज, भोपाल ममता यादव का कहना है कि हम कभी भी 15 दिन की भविष्यवाणी जारी ही नहीं करते। केवल 5 दिन का फोरकास्ट जारी करते हैं, जिसका हर दिन रिव्यू किया जाता है। इंदौर जिले के लिए दो दिन भारी वर्षा की चेतावनी जारी की थी। उसके बाद इंदौर के लिए ऐसा कोई फोरकास्ट जारी नहीं किया। हो सकता है, इंदौर जिला प्रशासन ने गलत समझ लिया हो।