April 23, 2024

इंदौर/ उज्जैन। मथुरा, वृंदावन, द्वारिका और पुरी के साथ ही देश-दुनिया व मध्यप्रदेश में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव उत्साह के साथ मनाया गया। जैसे ही रात को 12 बजे, श्रीकृष्ण मंदिरों में ‘नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की’ नारे गूंज उठे। देर रात तक दर्शन का दौर जारी रहा। इंदौर में राजबाड़ा, गौराकुंड समेत कई इलाकों में रात 11 बजे मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें सैकड़ों लोग जुटे।
इंदौर में इस्कॉन मंदिर, श्रीविद्याधाम मंदिर से लेकर भोपाल के बिरला मंदिर, इस्कॉन मंदिर, उज्जैन के गोपाल मंदिर, इस्कॉन मंदिर में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इंदौर में गोपाल मंदिर में देर रात तक भक्तों ने कान्हा के दर्शन किए।

महाकाल की नगरी में जन्माष्टमी की धूम

उज्जैन के गोपाल मंदिर में भी जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई। इससे पहले सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट के प्रसिद्ध गोपाल मंदिर के प्रशासक गोपाल अजय धाकने ने बताया कि रात को 12 बजकर 10 मिनट पर पट खोलकर गोपाल जी की पूजा-अर्चना की गई।
उज्जैन में गोपाल मंदिर को जन्माष्टमी पर सजाया गया था। यहां पर भक्तों ने श्रीकृष्ण और राधा के दर्शन किए।
उज्जैन के ही भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी पर शुक्रवार सुबह 4.30 बजे मंगल आरती के बाद सुबह 7.05 बजे श्रीमद् भागवत पर प्रवचन हुए। इसके अलावा फ्रीगंज स्थित छोटे गोपाल मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा का वाचन किया गया।

जय कन्हैया लाल की…नारे के
बीच मटकी फोड़ प्रतियोगिता

इंदौर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मटकी फोड़ प्रतियोगिताओं की धूम मची। गौराकुंड मटकी फोड़ने आई टीमें बार-बार पिरामिड बनाती और कई बार बिखर जाती, कभी ठहाके लगते तो कभी कन्हैया के जयकारे गूंजते।
इंदौर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मटकी फोड़ प्रतियोगिताओं की धूम मची। गौराकुंड मटकी फोड़ने आई टीमें बार-बार पिरामिड बनाती और कई बार बिखर जाती, कभी ठहाके लगते तो कभी कन्हैया के जयकारे गूंजते।

उज्जैन के रामानुजकोट में आज मनेगी जन्माष्टमी

शिप्रा किनारे स्थित श्री रामानुजकोट पर भगवान वेंकटेश मंदिर में तिथि-नक्षत्र के अनुसार जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय जो तिथि व नक्षत्र रहे उसी आधार पर यहां जन्माष्टमी पर्व शनिवार की रात में मनाया जाएगा।

शिवराज ने सीएम हाउस में मनाई जन्माष्टमी

सीएम शिवराज सिंह ने सीएम हाउस में जन्माष्टमी मनाई। उन्होंने पत्नी साधना सिंह के साथ पूजन किया।
उन्होंने कहा, भगवान श्रीकृष्ण हर परिस्थिति में सदैव प्रसन्न, आनंदित और अविचलित रहते थे। हम अपना काम मेहनत व ईमानदारी से करें।