ब्रह्मास्त्र उज्जैन
जिले के शासकीय कर्मचारियों और अफसरों के लिए ई केवाईसी को अनिवार्य कर दिया गया है। पूरे प्रदेश के साथ ही जिले में भी यदि समग्र आईडी को आधार से लिंक नहीं कराया जाता है तो हो सकता है कि जून माह का वेतन अटक जाए।
गौरतलब है कि मप्र शासन ने कर्मचारियों का आईएफएमआईएस (इंटीग्रेटेड फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) से ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया है। वित्त विभाग ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि वे अपने जिले के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों का फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम के साथ केवाईसी करा दें। जिन कर्मचारियों और अधिकारियों का ई-केवाईसी 30 जून तक नहीं होगा, उनका जून का वेतन नहीं निकाला जाएगा। विभाग के इस फरमान से प्रदेश के 50 हजार अधिकारी-कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं। आयुक्त कोष एवं लेखा ने सभी कलेक्टरों को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि सभी लोक सेवकों को आईएफएमआईएस के अंतर्गत एम्पलाई सेल्फ सर्विस प्रोफाइल के माध्यम से अपनी समग्र आईडी को आधार से लिंक करना है।
सभी कलेक्टरों को पत्र भेजा
इसे मैप किए जाने के बाद ही अब कर्मचारियों और अधिकारियों का वेतन निकल सकेगा। इसलिए सभी अधिकारी-कर्मचारी ई-केवाईसी सत्यापन का कार्य अभियान के रूप में करें, ताकि जिनका ई-केवाईसी नहीं हो सका है, उनका सत्यापन हो जाए और वेतन निकालने में किसी तरह की दिक्कत न हो। कोष और लेखा विभाग के आयुक्त ने इस संबंध में प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र भेजा है। इसमें शेष रहे कर्मचारियों के लिए आईएफएमआईएस के अंतर्गत समग्र आईडी से आधार की लिंकिंग के लिए 14 दिनों का समय दिया गया है। इसके अभाव में कर्मचारियों, अधिकारियों का वेतन नहीं निकाला जा सकेगा। मार्च 2024 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 6 लाख 6 हजार नियमित कर्मचारी हैं। संविदा एवं स्थायी कर्मी समेत अन्य कर्मचारियों को जोड़ने पर यह आंकड़ा 7 लाख के पार होता है। ऐसे में जबकि सरकार का पहला फोकस नियमित अधिकारी-कर्मचारी हैं तो भी अभियान के दस माह में 90 फीसदी का ही सत्यापन हो सका है।
अभी भी 10 प्रतिशत का ई-केवाईसी होना बाकी है। ऐसे में 50 हजार से अधिक कर्मचारियों का 30 जून से पहले ई-केवाईसी किया जाना जरूरी है।