न यातायात के सिग्नल व्यवस्थित चल रहे न वाहन चालक उज्जैन की राह अजब गजब,ट्राफिक सिग्नल दिखावे के बचे -चामुंडा माता से शहर आने वाले सभी मार्ग दिन में सुकड कर आधे

 

उज्जैन। शहर में यातायात व्यवस्था के बूरे हाल हैं। न तो यातायात के सिग्नल व्यवस्थित चल रहे हैं और न ही वाहन चालक ही सिग्नलों का पालन करते हुए व्यवस्थित ही चल रहे हैं। शहर की राह अजब गजब हो गई है। यातायात सिग्नल दिखावे के रह गए हैं। यातायात के हाल ऐसे हो चुके हैं कि चामुंडा माता से शहर आने वाले एवं नए शहर जाने वाले मार्ग दिन में सिकुड कर आधे हो रहे हैं।

चामुंडा माता चौराहे से शहर की तरफ आने वाले प्रेमछाया और मालीपुरा मार्ग दिन में सिकुड कर आधे हो रहे हैं। रात में इन मार्गों की चौडाई देखते ही बनती है। दोनों ही मार्ग की चौडाई 80 फीट से अधिक है उसके बावजूद दिन में इन पर गुजरने वाले वाहन चालक एवं राहगिर सिकुडे मार्ग पर परेशान होकर ही आवागमन करते हैं। वर्ष 2004 में सिंहस्थ पूर्व मालीपूरा मार्ग का महाकाल चौराहे तक चौडीकरण किया गया था।तत्कालीन दौर में इस मार्ग को आवागमन की सुविधा के लिए सार्थक चौडीकरण करार दिया गया था। इसके बाद वर्ष 2016 के सिंहस्थ उपरांत चामुंडा माता से प्रेमछाया परिसर एवं भाट गली होते हुए लाल मस्जिद वाले मार्ग का चौडीकरण किया गया था। दोनों ही मार्ग रात के समय तो 60 फीट से अधिक चौडे होकर यहां आवागमन सहजता से होता है लेकिन दिन के समय दोनों ही मार्ग सिकुडकर आधे हो जाते हैं। मालीपुरा मार्ग पर देवास गेट इंट्री पाइंट से ही यातायात की समस्या बनी रहती है। देवासगेट द्वार के आजूबाजू से ही ठेले वालों एवं गुमटी वालों के साथ ही दुकानदारों का अतिक्रमण बना रहता है। इसके बाद तो मालीपुरा और उसके आगे महाकाल चौराहा तक इस मार्ग पर बराबर अतिक्रमण ही रहता है।

निगम के चौडीकरण पर उठता सवाल-

सुबह से रात तक यही स्थिति इन मार्गों पर बनी रहती है। इससे नगर निगम की चौडीकरण की सार्थकता पर ही सवाल खडा होने लगा है। यही हाल चामुंडा माता से प्रेमछाया एवं भाट गली से लाल मस्जिद तक के मार्ग के रहते हैं। दिन में यह मार्ग वाहनों की पार्किंग सा बना रहता है। मार्ग में प्रेम छाया परिसर में लगने वाली सेल में आने वाले ग्राहकों के वाहनों का अवरोधक बराबर बना रहता है तो आगे चौराहे के पास भी घाटी पर यही हाल रहते हैं। इससे आगे के मार्ग पर नगर निगम पर्याप्त रूप से चौडीकरण करने में अपनी पूरी भूमिका नहीं निभा सका है।

फूटपाथ ही गायब-

हाल यह हैं कि दोनों ही मार्ग पर फूटपाथ तक फैलवडा देखा जाता है। सुबह मालीपुरा मार्ग पर आवागमन के साथ ही फूटपाथ गायब हो जाता है। दुकानें खुलने पर तो राहगिरों को सड़क पर ही आवागमन करने के लिए चलना पडता है। ऐसे में दोनों और से आने जाने वाले वाहनों को स्थान नहीं मिलता है और राहगिर चोंटिल होते रहते हैं। यही हाल प्रेमछाया मार्ग के भी रहते हैं।

सिग्नल का पालन ही नहीं हो रहा-

शहर की यातायात व्यवस्था अजब गजब हो चली है। कोयला फाटक,चामुंडा चौराहा सहित अनेक सिग्नल पाईंट पर आवागमन करने वाले वाहन चालक सिग्नल का पालन ही नहीं कर रहे हैं। इन कारणों से सीधे तौर पर चौराहों पर जाम की स्थिति के साथ ही वाहन आमने सामने हो रहे हैं,दुर्घटना का भय भी बराबर बना हुआ है। शहर के वरिष्ठ नागरिकों के अनुसार शहर के यातायात सिग्नलों के पालन के लिए यातायात पुलिस को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

 

Author: Dainik Awantika