उज्जैन। मजदुर दिवस पर मजदूरों की अपनी समस्या रही है तो कर्मचारियों की समस्याओं का निदान भी नहीं हो पा रहा है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति कर्मचारियों की परेशानी का निदान करने से नजरअंदाजी कर रही है। मंदिर में करीब 500 कर्मचारी एरियर की राशि के इंतजार में परेशान हो रहे हैं। न तो उन्हें एरियर की राशि दी जा रही है और न हीं छुट्टी का नकदीकरण ही किया जा रहा है।
मंदिर प्रबंध समिति ने करीब 6 माह पूर्व कर्मचारियों को एरियर देने के निर्णय का अनुमोदन किया था। इस निर्णय के अनुसार कर्मचारियों को उनके एरियर का भूगतान किया जाना था लेकिन 6 माह बितने पर भी एरियर के मसले को भूलाया जा रहा है और कर्मचारी एरियर मिलने की आस और इंतजार में बैठे हैं। यहां के कर्मचारियों की समस्या ये है कि वे खुलकर बोलने की स्थिति में भी नहीं हैं। मंदिर में पदस्थ होने के बाद भी कर्मचारी सत्य तक बोलने से कतराते हैं। सूत्रों के अनुसार करीब 500 कर्मचारियों को एरियर का भूगतान किया जाना है। प्रशासनिक कार्य में यह एरियर फाईल हस्ताक्षर के इंतजार में अटकी बताई जा रही है। मंदिर से जुडे कुछ कर्मचारी आर्थिक समस्याओं से जुझने की स्थिति में हैं लेकिन वे इसे लेकर बयान नहीं करते हैं।
छुट्टी का नकदीकरण भी नहीं-
बताया जा रहा है कि कर्मचारियों को अवकाश पर कार्य करवाने की स्थिति में भूगतान का प्रावधान है लेकिन पिछले समय 6 अवकाश का भूगतान कर्मचारियों को अब तक नहीं दिया गया है। कर्मचारियों का कहना है कि शेष सभी कामों को प्रबंध समिति बराबर अंजाम दे रही है और उसके भूगतान भी हो रहे हैं लेकिन कर्मचारियों के मामले में निर्णय नहीं लिया जा रहा है।
पोर्टल पर अंकित त्रुटियों से शिक्षक वर्ग परेशान-
मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष डॉ. राजेश ठाकुर निर्झर ने बताया कि नगर व प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जहाँ एक ओर कर्मचारियों के मसीहा के रूप में कार्य कर रहे पदोन्नति, महँगाई भत्ता आदि के बारे में सतत् चिन्तित हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हीं के गृह जिले में शिक्षा पोर्टल में अनेक त्रुटियाँ व्याप्त है। इधर मध्यप्रदेश शासन ने तबादला नीति घोषित कर दी है। शिक्षा पोर्टल पर पदस्थ शिक्षकों के स्थानों को रिक्त दर्शाया जा रहा है, इनमें रूग्ण, वृद्ध व दिव्यांग शिक्षकगण शामिल है। लिखित शिकायत के साथ यदि जिले के अधिकारियों से इस सम्बन्ध में चर्चा की जाती है तो भोपाल का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। ऐसे में यदि अन्य जिले का कर्मचारी तबादला कर लेता है तो नि:संदेह विसंगति पूर्ण वातावरण निर्मित होगा। हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा जो 5 प्रतिशत महँगाई भत्ते से हर्ष उत्पन्न हुआ व पोर्टल त्रुटि के कारण चिन्ता में परिवर्तित को गया। डॉ. ठाकुर ने प्रदेश मुखिया डॉ. मोहन यादव व शिक्षा मंत्री राव उदयप्रतापसिंह को पत्र लिखकर शीघ्र ही इस समस्या के निराकरण की माँग की गई है।