इंदौर में प्राइवेट अस्पताल की लूट खसोट, 16 लाख क का बिल, 11 घंटे बाद सौंपा शव
इंदौर। प्राइवेट अस्पतालों की रुत कट लगातार बढ़ती जा रही है। मरीजों को कम खर्च में इलाज का बात कर अचानक चंद घंटे में या डिस्चार्ज के समय लाखों का बिल थमा दिया जाता है। विजयनगर क्षेत्र के निजी अस्पताल में एक मरीज को आपरेशन और अन्य खर्च बताकर तीन लाख रुपये में इलाज करने का वादा कर भर्ती किया, लेकिन जब मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई तो अस्पताल से 16.70 लाख रुपये का बिल बना दिया। मौत सुबह 7 बजे हुई थी, लेकिन परिजनों को हंगामे के बाद शव 11 घंटे बाद शाम 6 बजे सौंपा गया।
दरअसल 54 वर्षीय महेश कदम निवासी भाग्य लक्ष्मी कालोनी (सुखलिया) को प्रोक्टाइटिस के इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन 36 दिन बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बेटे शक्ति कदम ने बताया कि यहां डाक्टरों ने आपरेशन और अन्य खर्च करीब तीन लाख रुपये हमें बताया था। हमने इस खर्च को पांच लाख रुपये तक मान लिया था।
शुक्रवार सुबह 7 बजे मेरे पिता की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल से हमें 16.70 लाख रुपये का कुल बिल थमा दिया। इसमें से पहले ही मैं साढ़े नौ लाख रुपये जमा कर चुका हूं। इसके अलावा करीब 10 लाख रुपये की दवाई भी खरीद चुका हूं। मैंने अपने क्रेडिट कार्ड और लोन लेकर अभी तक का बिल जमा किया था, लेकिन अब आगे बिल जमा करने में सक्षम नहीं हूं।
सुबह से शव देने की मांग कर रहा हूं, लेकिन इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मैंने सीएम हेल्पलाइन और स्वास्थ्य विभाग में भी इसकी शिकायत की थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। हालांकि शाम को जब बड़ी संख्या में परिजन हंगामा करने पहुंचे तो शव सौंप दिया गया।