पंचांगों में मतांतर : इस बार 2 दिन धनतेरस, ज्यादातर लोग 22 को मनाएंगे

 

इंदौर। इस बार पंचांगों में मतांतर के चलते धनतेरस का पर्व 22 और 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पहले दिन शनि प्रदोष पर यम दीपदान होगा। दूसरे दिन सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग में भगवान धन्वंतरि का पूजन किया जाएगा। ज्योतिर्विदों के मुताबिक धनतेरस पर बन रहे विशेष संयोग में सोना-चांदी, भूमि, भवन, वाहन, इलेक्ट्रानिक उपकरण, बर्तन सहित सभी प्रकार की खरीदारी तीन गुना लाभ प्रदान करेगी।
ज्योतिर्विदों के अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी शनिवार दोपहर 3.03 बजे से रविवार शाम 5.20 तक रहेगी। दीपावली पर्व में प्रदोषकाल की प्रधानता होती है। उज्जैन के पंचांगों के मुताबिक 22 अक्टूबर शनिवार को धनतेरस, 23 अक्टूबर रविवार को रूप चतुर्दशी और 24 अक्टूबर सोमवार को महालक्ष्मी पूजन होगा। 25 अक्टूबर मंगलवार को सूर्य ग्रहण होने के कारण गोवर्धन पूजन 26 और भाईदूज 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी। हालांकि कई पंचांगों में 22-23 अक्टूबर दोनों दिन प्रदोषकाल में त्रयोदशी तिथि मिल रही है। इसके चलते धनतेरस दो दिन मनाई जा रही है। रूप चतुर्दशी का दीपदान 23 को ही होगा। अभ्यंग स्नान 24 को दीपावली के दिन सुबह किया जाएगा।
ज्योतिर्विद का कहना है कि पहले दिन शनिवार को प्रदोष रहेगा, जबकि दूसरे दिन रविवार को सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग बनेगा। शनि भी मार्गी होंगे। शनि का मार्गी होना मेष, मिथुन, तुला, सिंह और धनु राशियों के लिए विशेष लाभदायी होगा। अन्य राशियों के लिए मिश्रित फलदायी रहेगा।