इंदौर में कबाड़ी-ठेलेवाले और मजदूरों के क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंकों से ठगे करोड़ों

एक ठगोरा पकड़ाया तो खुली पोल, मुख्य आरोपी सहित पांच आरोपितों की तलाश

इंदौर में कबाड़ी-ठेलेवाले और मजदूरों के क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंकों से ठगे करोड़ों रुपये

इंदौर। विजय नगर थाना पुलिस ने ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो गरीब-मजदूर, ठेलेवाले और कबाड़ियों के दस्तावेजों से बैंक व निजी फायनेंस कंपनियों को चपत लगा रहा था। गिरोह के सदस्य लोन स्वीकृत करवाने के नाम पर दस्तावेज लेकर उनके क्रेडिट कार्ड जारी करवा लेते थे। एक ठग पुलिस के हत्थे चढ़ गया लेकिन मुख्य आरोपी सहित पांच अभी तक फरार हैं।
जोन-2 के प्रभारी डीसीपी रजत सकलेचा के मुताबिक पुलिस ने बजाज फायनेंस के रिस्क कंटेनमेंट यूनिट के मैनेजर अमोल बालकृष्ण पालेकर की शिकायत पर आरोपी वैभव रघुवंशी (बाणगंगा) व अन्य के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया है। आरोपी दो साल पूर्व बजाज फायनेंस कंपनी से जुड़े हुए थे। संदिग्ध कार्यप्रणाली के कारण कंपनी ने दूरी बना ली। आरोपियों ने ऐसे लोगों को निशाना बनाना शुरू किया जिनको रुपयों की आवश्यकता थी। ठगोरे निजी कंपनियों से ऋण स्वीकृत करवाने का झांसा देकर उनके आधार कार्ड लेकर आनलाइन सत्यापन करवा लेते थे। जरूरतमंदों को चंद रुपये देते और उनके क्रेडिट कार्ड बना कर इलेक्ट्रानिक गैजेट्स व अन्य सामान खरीद लेते थे। आरोपियों ने बजाज फायनेंस, कैपिटल फायनेंस, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, होम क्रेडिट सहित विभिन्न बैंक व निजी फायनेंस कंपनियों को करोड़ों की चपत लगाई है। पहली सूची में करीब 35 केस सामने आए हैं जिनके नाम से गैजेट्स खरीदे गए हैं। पुलिस वैभव के साथी अमित अग्रवाल, कुलदीप, आयुष सहित पांच की तलाश कर रही है।
चौराहों पर कैनोपी लगा कर फोटो खींचा और लगा दी चपत – विजय नगर थाना टीआई रविंद्रसिंह गुर्जर के मुताबिक आरोपी चौराहों पर कैनोपी लगा कर बैठ जाते थे। पर्सनल लोन दिलाने का झांसा देकर लोगों से आधार कार्ड ले लेते थे। आनलाइन सत्यापन भी करवा लेते थे। ओटीपी नंबर लेकर मोबाइल नंबर स्वयं के डाल देते थे। ठगोरे लोगों की अज्ञानता का फायदा उठा कर कार्ड होल्डर के नाम से लाखों के उपकरण खरीद लेते थे। पीड़ित वीरेंद्रसिंह, महेश वाल्मीकि, कैलाश तेली के घर नोटिस आया तो हड़कंप मचा। वह कंपनी पहुंचे और पूरी घटना बताई। पालेकर ने शोरूम से संपर्क किया, जहां से गैजेट्स खरीदे थे। एक ही पते पर डिलीवरी होने की पुष्टि हुई तब थाने पहुंच कर केस दर्ज करवाया।