उज्जैन। 7 नवम्बर की रात ग्राम असावता में रहने वाले कैलाश गारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। बड़नगर थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया था। जिसमें पता चला था कि कैलाश ने पिता भारतलाल गारी की प्रताड़ना से तंग आकर मौत को गले लगाया है। थाना प्रभारी अशोक कुमार पाटीदार ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद मृतक के पिता के खिलाफ बीएनएस की धारा 108 में प्रकरण दर्ज किया गया था। जिसके बाद पिता गांव छोड़कर चला गया था। उसकी गिरफ्ताी के प्रयास शुरू कर एएसआई सरदारसिंह, प्रधान आरक्षक रामनारायण चौहान, हेमराज खरे, महेश मोर्य, नारायण सरा और गोवर्धन डाबी की टीम गठित की गई थी। गुरूवार सुबह पता चला कि पुत्र को प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिये उकसाने वाला पिता भारतलाल गांव में दिखाई दिया है। जिसकी गिरफ्तारी के लिये टीम पहुंची और उसे हिरासत में लेकर थाने लाया गया। जिसे दोपहर बाद कोर्ट में पेश किया गया। जहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। बताया जा रहा है कि आरोपित पिता 70 साल का है और शराब पीने का आदी है। नशे में उसके द्वारा पुत्र के साथ मारपीट की जाती थी।
16 नवम्बर को बड़नगर में मजदूरी के लिये आये परिवार की बालिका अचानक लापता हो गई थी। परिजनों ने तलाश की, नहीं मिलने पर बड़नगर थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराई। मामला नाबालिग से जुड़ा होने पर थाना प्रभारी अशोक कुमार पाटीदार ने अपहरण की धारा में केस दर्ज किया और एसआई चांदनी पाटीदार, एएसआई सुनील देवके, प्रधान आरक्षक हेमराज खरे, आरक्षक कैलाश गरवाल और शोभित शुक्ला की टीम बनाई। आसपास सभी जगहों के कैमरों को खंगाला गया। वहीं तकनीकी साक्ष्यों को एकत्रित किया। 17 दिन बाद पता चला कि लापता बालिका पेटलावद के मोहनकोट में अंकल देवीलाल के यहां है। पुलिस टीम ने बालिका को पेटलावद झाबुआ पहुंचकर दस्तयाब किया। बालिका से पूछताछ में सामने आया कि माता-पिता उसकी शादी करना चाहते थे, लेकिन वह पढ़ना चाहती थी। इस बात पर नाराज होकर चली गई थी। अंकल के घर पहुंचने के बाद उन्हे भी माता-पिता को उसके आने के संबंध में बताने से इंकार कर दिया था। पुलिस ने समझाईश के बाद परिजनों के सुपुर्द किया है।
16 नवम्बर को बड़नगर में मजदूरी के लिये आये परिवार की बालिका अचानक लापता हो गई थी। परिजनों ने तलाश की, नहीं मिलने पर बड़नगर थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराई। मामला नाबालिग से जुड़ा होने पर थाना प्रभारी अशोक कुमार पाटीदार ने अपहरण की धारा में केस दर्ज किया और एसआई चांदनी पाटीदार, एएसआई सुनील देवके, प्रधान आरक्षक हेमराज खरे, आरक्षक कैलाश गरवाल और शोभित शुक्ला की टीम बनाई। आसपास सभी जगहों के कैमरों को खंगाला गया। वहीं तकनीकी साक्ष्यों को एकत्रित किया। 17 दिन बाद पता चला कि लापता बालिका पेटलावद के मोहनकोट में अंकल देवीलाल के यहां है। पुलिस टीम ने बालिका को पेटलावद झाबुआ पहुंचकर दस्तयाब किया। बालिका से पूछताछ में सामने आया कि माता-पिता उसकी शादी करना चाहते थे, लेकिन वह पढ़ना चाहती थी। इस बात पर नाराज होकर चली गई थी। अंकल के घर पहुंचने के बाद उन्हे भी माता-पिता को उसके आने के संबंध में बताने से इंकार कर दिया था। पुलिस ने समझाईश के बाद परिजनों के सुपुर्द किया है।
