हरिफाटक ब्रिज पर टला हादसा, महिला के गले पर आई चायना डोर

उज्जैन। पंतगबाजी के दौरान प्रतिबंधित चायना डोर की दस्तक सामने आने लगी है। गुरूवार को हरिफाटक ब्रिज पर महिला के गले पर चायना डोर आ गई। गनीमत रही कि बड़ा हादसा नहीं हुआ। जिस तरह से पहला मामला सामने आया है उसको लेकर पुलिस और प्रशासन का फिर से अलर्ट होना पड़ेगा।
मकर संक्रांति पर्व को डेढ़ माह का समय बचा है, लेकिन आसमान में पतंग उड़ान भरी दिखाई देने लगी है। पतंग उड़ाने के लिये अब भी चायना डोर का उपयोग होना सामने आ रहा है। जिसका पहला मामला हरिफाटक ब्रिज पर सामने आया। एक्टिवा सवार महिला के गले पर अचानक चायना डोर आ गई। महिला ने तत्काल गाड़ी रोक, गले पर डोर से हल्का कट का निशान लग गया था। महिला कुछ देर ब्रिज पर बैठी रही और राहत की सांस लेने के बाद रवाना हो गई। लेकिन हादसे ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। जैसे-जैसे मकर संक्रांति का पर्व करीब आयेगा, जान के दुश्मन चायना डोर का उपयोग शुरू कर देगें। जान के दुश्मनों की धरपकड़ के लिये पुलिस और प्रशासन को एक फिर से मैदान संभालना होगा। पिछले कुछ सालों से पतंगबाजी के लिये घातक डोर पर प्रतिबंध  लगा हुआ है, पिछले साल पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई करते हुए छतों तक कूद फांद करी थी, जिसके चलते जान के दुश्मनों में भय व्याप्त हो गया था, बावजूद  कुछ  घटना सामने आई थी। इससे पहले घासमंडी ब्रिज पर एक छात्रा का चायना डोर से गला कटने पर जान तक जा चुकी है और सैकड़ों गंभीर घायल हो चुके है।
चोरी-छुपे बेची जाती है चायना डोर
पिछले कुछ सालों से चायना डोर के गंभीर परिणाम सामने आ रहे है। जिसको लेकर तत्कालीन कलेक्टर रहे कविंद्र कियावत ने घातक डोर पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी कर दिये थे। जिसका पालन पुलिस और प्रशासन हर साल मकर संक्रांति एक-डेढ़ माह पहले करना शुरू कर देती है। पूर्व में प्रतिबंधित डोर बेचने वालों के मकानों पर बुलडोजर तक चल चुका है। दर्जनों हिरासत में आ चुके है। बावजूद चोरी-छुपे मुनाफा कमाने के लिये घातक डोर बेचने का काम किया जाता रहा है।

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