सरकारी कॉलेजों में लाइब्रेरी तो है लेकिन लाइब्रेरियन नहीं…..

स्टाफ की कमी, परेशानी का सबब बनता जा रहा है

उज्जैन। पूरे प्रदेश के साथ ही उज्जैन जिले में भी भले ही सरकारी कॉलेजों में लाइब्रेरी संचालित की जाती हो लेकिन बताया जा रहा है कि बीते लंबे समय से अधिकांश कॉलेजों में लाइब्रेरियन ही नहीं है। स्थिति यह है कि कॉलेजों के अन्य कर्मचारियों से ही ग्रंथालयों का काम संचालित कराया जा रहा है।

आलम यह है कि सालों के इंतजार के बाद भी खाली पदों को भरा नहीं गया है। सरकारी कॉलेजों में पांच साल से लाइब्रेरियन नहीं हैं। ग्रंथपाल के 58 प्रतिशत पद खाली हैं और चयनित कर्मियों को तीन साल से इंटरव्यू का इंतजार है।  जानकारी के अनुसार,पूरे प्रदेश के साथ ही उज्जैन जिले में भी   हालात यह हैं कि स्वीकृत पदों का आधा स्टाफ भी कॉलेजों में नहीं है। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई, शोध कार्य, पुस्तकालय संचालन और नई अकादमिक परियोजनाओं पर असर पड़ रहा है। इसके बावजूद एमपी पीएससी की ओर से निकाली गई असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा-2022 (लाइब्रेरियन कैडर) के इंटरव्यू अब तक शुरू नहीं हुए हैं, जबकि विज्ञापन को 30 दिसंबर को तीन साल पूरे हो जाएंगे। पांच साल में स्वीकृत पद बढ़ते गए, लेकिन चयनित कर्मियों की संख्या लगभग वही रही। नतीजतन रिक्त पदों की संख्या 200 से बढक़र 335 तक पहुंच गई। कुल स्वीकृत पदों का लगभग 58 प्रतिशत हिस्सा खाली है।

एमपी पीएससी ने 2022 में लाइब्रेरियन के 255 पदों का विज्ञापन निकाला था। लिखित परीक्षा होने में डेढ़ साल और रिजल्ट आने में 17 महीने लग गए। आयोग ने अब तक इंटरव्यू की तारीख ही घोषित नहीं की है। दिसंबर में ये इंटरव्यू की उम्मीद भी नहीं है क्योंकि 4 दिसंबर से स्पोर्ट्स ऑफिसर के 131 पर्दों के इंटरव्यू शुरू हो रहे हैं। इस कारण 10-11 दिन खाली बचेंगे। आयोग के एकेडमिक कैलेंडर के मुताबिक दिसंबर-जनवरी में कई इंटरव्यू होने हैं। मेडिकल ऑफिसर के पद 890 से बढ़कर 1849 हो चुके हैं, इंटरव्यू जनवरी अंत से पहले संभव नहीं है। स्टेट इंजीनियरिंग सर्विस के 23 पदों के इंटरव्यू  एमपी पीएससी दिसंबर में करवा सकता है। ऐसे में लाइब्रेरियन इंटरव्यू कब होंगे यह सबसे बड़ा सवाल है।

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