बेसिक पे अब सीटीसी का कम से कम 50% होना जरूरी, पीएफ-ग्रेच्युटी कंट्रीब्यूशन बढ़ेगा
ब्रह्मास्त्र नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने 29 पुराने लेबर लॉज को चार नए कोड्स में मिला दिया है। ये कोड- वेजेज, इंडस्ट्रियल रिलेशंस, सोशल सिक्योरिटी और सेफ्टी-हेल्थ पर हैं। 21 नवंबर 2025 से वेज कोड लागू हो गया है। जिसके तहत कंपनियों को अब सैलरी स्ट्रक्चर बदलना पड़ेगा, जिसमें बेसिक सैलरी टोटल उळउ का कम से कम 50% होनी जरूरी है।
इससे प्रॉविडेंट फंड और ग्रेच्युटी के कंट्रीब्यूशन बढ़ेंगे, लेकिन टेक-होम सैलरी कम हो सकती है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ये चेंजेस कर्मचारियों को लॉन्ग-टर्म बेनिफिट्स तो देंगे, लेकिन शॉर्ट-टर्म में जेब पर बोझ बढ़ा सकते हैं।
क्या हैं नए लेबर कोड्स, कैसे लागू हो रहे हैं- भारत में पहले 29 अलग-अलग लेबर लॉज थे, जो कन्फ्यूजिंग थे। अब इन्हें चार कोड्स में समेट दिया गया है- कोड आॅन वेजेज (2019), इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड (2020), कोड आॅन सोशल सिक्योरिटी (2020) और ओएसएचडब्ल्यूसी कोड (2020)। वेज कोड 21 नवंबर 2025 से एक्टिव हो गया है। अगले 45 दिनों में डिटेल्ड रूल्स नोटिफाई होंगे। जिसके तहत सभी कंपनियों को अपने सैलरी स्ट्रक्चर को रीस्ट्रक्चर करना होगा। नए कोड्स में मुख्य बदलाव ये है कि बेसिक सैलरी, डियरनेस अलाउंस और रिटेनिंग अलाउंस मिलाकर सीटीसी का 50% या गवर्नमेंट नोटिफाई % होना चाहिए। ये वेजेज की डेफिनेशन को स्टैंडर्डाइज करता है, ताकि पीएफ, ग्रेच्युटी और पेंशन कैलकुलेशन में कंसिस्टेंसी आए। पहले कंपनियां बेसिक को कम रखकर अलाउंस बढ़ा देती थीं, जिससे कंट्रीब्यूशन कम होता था। अब ये ट्रिक काम नहीं करेगी।
उदाहरण से समझें-टेक-होम सैलरी पर कैसे असर पड़ेगा- नए रूल्स से कर्मचारियों की मंथली टेक-होम कम हो सकती है, क्योंकि सीटीसी फिक्स रहने पर डिडक्शंस बढ़ जाएंगे। मान लीजिए किसी की सीटीसी 50,000 रुपए है। पहले बेसिक 30-40% (15,000-20,000 रुपए) होता था, तो पीएफ कंट्रीब्यूशन (12% बेसिक पर) 1,800-2,400 रुपए का होता। अब बेसिक 50% यानी 25,000 रुपए करना पड़ेगा, तो पीएफ 3,000 रुपए हो जाएगा। मतलब टेक-होम सैलरी 1,200 रुपए कम हो जाएगी। ग्रेच्युटी भी अब ‘वेजेज’ पर कैलकुलेट होगी, जिसमें बेसिक के अलावा अलाउंस (एचआरए और कन्वेयंस को छोड़कर) जुड़ेंगे। इससे ग्रेच्युटी अमाउंट बढ़ेगा, लेकिन ये भी सीटीसी से ही आएगा। नंगिया ग्रुप की पार्टनर अनजली मल्होत्रा ने कहा, ‘वेजेज में अब बेसिक पे, डियरनेस अलाउंस और रिटेनिंग अलाउंस शामिल हैं। 50% टोटल रेम्युनरेशन को ऐड करना पड़ेगा।’ ऐसे में छोटे-मझोले कर्मचारी सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
