सिंहस्थ मेला क्षेत्र में कृषि भूमि पर स्थाई निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री स्वयं स्थिति स्पष्ट करें अन्यथा किसान संघ घोषित करेगा आंदोलन का अगला कदम
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
उज्जैन में 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ को लेकर प्रदेश सरकार के द्वारा किसानों की जमीन अधिग्रहण करने के लिए लाए गए लैंड पुलिंग कानून (सिहंस्थ नगर विकास योजना मास्टर प्लान) को लेकर किसानों का विरोध भड़क गया है। हाल ही में बगैर सहमति से सिंहस्थ मेला क्षेत्र की जमीन के गजट नोटिफिकेशन होने पर एक बार फिर किसान भड़क गए हैं। किसान लैंड पुलिंग को लेकर अब आर पार के मूड में हैं। लैंड पुलिंग एक्ट (सिहंस्थ नगर विकास योजना मास्टर प्लान) को निरस्त करने के किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान संघ ने दो टूक सरकार को जन आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दे दी है।
किसान संघ की और से जारी बयान में कहा कि लैंड पुलिंग कानून पर किसान संघ के केंद्रीय अधिकारी अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने स्वयं उज्जैन आकर स्थिति स्पष्ट कर दी थी कि लैंड पुलिंग कानून सरकार तत्काल निरस्त करें। सिंहस्थ मेला क्षेत्र में कृषि भूमि पर स्थाई निर्माण की अनुमति किसी को भी नहीं दे। सरकार व प्रशासन के त्वरित निर्णय न करने से सिंहस्थ मेला क्षेत्र के विकास व निर्माण कार्यों में विलंब के कारण श्रद्धालुओं व साधु संतों को कोई असुविधा होगी तो इसकी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी। मालवा प्रांत महामंत्री भारत सिंह बैस के अनुसार मध्यप्रदेश में सरकार को किसान संघ की ताकत को कम आंकना मुश्किल में डाल सकता है। लैंड पुलिंग कानून को वापस कराने किसान संघ के केंद्र से लेकर राज्य तक के किसान नेता सक्रिय हैं। प्रदेश में तीनों प्रांत में किसान संघ के 15 लाख से अधिक सदस्य है और 12 हजार गांवों में किसान संघ की ग्राम समितियां हैं। जो कि किसान संघ की एक सूचना पर सड़कों पर आ जाएंगे।
मुख्यमंत्री स्वयं स्थिति स्पष्ट करे
किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा न ले। संवाद व वार्ता का अब अंतिम दौर है। उसके बावजूद भी सरकार व उसके अधिकारी चोरी छिपे किसानों की जमीन अधिग्रहित करने के एजेंडे पर आगे बढ़ रहें है, जिसकी किसान संघ तीव्र भर्त्सना करता है। आंजना ने आगे कहा कि हमारी मांग है कि इसी पखवाड़े में प्रदेश के मुखिया व मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव स्वयं लैंड पुलिंग कानून व कृषि भूमि पर स्थाई निर्माण करने के विषय पर स्थिति स्पष्ट करें। साथ ही साफ करें कि सरकार लैंड पुलिंग कानून को वापस लेगी या नहीं।
अब संघ घोषित
करेगा अगला कदम
प्रदेशाध्यक्ष आंजना ने बताया कि लैंड पुलिंग कानून के खिलाफ प्रदेश के तीनों प्रांतों में कार्यकर्ताओं के जनजागरण का कार्य पूर्ण हो गया है। पूरे प्रदेश में किसान संघ की आंदोलन के लिए संगठनात्मक तैयारी पूरी हो गई है। जैसे ही प्रदेश के मुख्यमंत्री लैंड पुलिंग एक्ट व सिंहस्थ में स्थाई निर्माण को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे। संघ किसान हित में अपना आंदोलनात्मक अगला कदम घोषित करेगा।
संघर्ष समिति
किसान संघ के साथ
उज्जैन में किसान संघर्ष समिति के बैनर तले अपनी जमीन बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हजारों किसानों ने भी भारतीय किसान संघ के साथ किसी भी सीमा तक जाकर आंदोलन करने की सहमति प्रदान की है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसान संघ आंदोलन को लेकर जिस भी कदम की घोषणा करेगा। उज्जैन का एक एक किसान तन मन व धन के साथ किसान संघ के साथ रहेगा।
