मुरैना में शिक्षा पर शर्म: स्कूल में बच्चों से ईंटें उठवाईं, रेत छनवाई — कलेक्टर बोले, प्राचार्य पर होगी कार्रवाई

मुरैना | 15 अक्टूबर 2025, शुक्रवार

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। जिले की पोरसा तहसील के औरेठी गांव के शासकीय हाई स्कूल में बच्चों से ईंटें ढोने और रेत छानने का काम कराया गया।

यह घटना गुरुवार की बताई जा रही है, जिसका वीडियो शुक्रवार को सामने आया। वीडियो में दो छात्र तसले में ईंटें उठाते दिख रहे हैं, जबकि छात्राएं छन्ने से रेत छानती हुईं नजर आ रही हैं। इतना ही नहीं, वीडियो में एक पुरुष और एक महिला शिक्षक भी बच्चों के साथ निर्माण स्थल पर काम करते दिख रहे हैं।


🎥 वीडियो में दिखा सच — ‘पढ़ाई नहीं, मजदूरी’

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बच्चे स्कूल यूनिफॉर्म में ईंटें उठा रहे हैं, वहीं एक मिस्री नीचे बैठकर निर्माण कार्य में जुटा है। इस दृश्य ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर स्कूल में शिक्षा की जगह मजदूरी क्यों करवाई जा रही है?


🏫 बीआरसी बोले — “जांच करा रहे हैं”

मामले पर ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर (BRC) शैलेन्द्र सिंह तोमर ने पुष्टि की कि वीडियो में बच्चे मजदूरी करते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा,

“जांच की जा रही है कि बच्चों से यह काम जबरदस्ती कराया गया या उन्होंने स्वेच्छा से किया।”


⚖️ कलेक्टर ने कहा — “प्राचार्य जिम्मेदार, कार्रवाई तय”

कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने इस घटना को गंभीर और आपत्तिजनक बताया। उन्होंने कहा,

“स्कूल में बच्चों से निर्माण कार्य करवाना बेहद निंदनीय है। प्राचार्य की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। उनके विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव संभाग आयुक्त को भेजा जाएगा।”

कलेक्टर ने बीआरसी के बयान को “गैर जिम्मेदाराना” करार देते हुए सख्त रुख अपनाया है।


📍 प्रशासनिक कार्रवाई के संकेत

जिले के शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, प्राचार्य पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी चल रही है। वहीं, संबंधित शिक्षकों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।


💬 अभिभावकों में आक्रोश

घटना के बाद गांव के अभिभावक और ग्रामीणों में रोष है। उनका कहना है कि जहां बच्चों को किताबें थमाई जानी चाहिए, वहां उन्हें ईंटें और रेत के तसले उठाने पर मजबूर किया जा रहा है।


📖 पृष्ठभूमि: रीवा में भी हुआ था बड़ा खुलासा

प्रदेश में यह कोई पहली घटना नहीं है। हाल ही में रीवा जिले में सरकारी स्कूल में 10 साल से बच्चों को मध्याह्न भोजन (Mid Day Meal) न मिलने का मामला सामने आया था। अधिकारियों पर वहां भी लापरवाही के आरोप लगे थे।

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