उज्जैन में बिना शव के मृत्यु प्रमाण पत्र का खेल, श्मशान में फर्जीवाड़ा पकड़ाया

उज्जैन में बिना शव के मृत्यु प्रमाण पत्र का खेल, श्मशान में फर्जीवाड़ा पकड़ाया

उज्जैन | 17 सितंबर 2025

उज्जैन के चक्रतीर्थ श्मशान घाट पर सोमवार को एक अजीबोगरीब मामला सामने आया। यहां दो लोग बिना शव लाए ही लकड़ी-कंडे खरीदकर दाह संस्कार की रसीद बनवाने पहुंचे। जब श्मशान कर्मचारियों को शक हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दी, तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया।


बिना शव आए बनवाना चाहते थे रसीद

नीमच निवासी यूनिक जैन और उनके पिता ज्ञानचंद जैन सोमवार को श्मशान पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि वे लालचंद नामक व्यक्ति का अंतिम संस्कार कराने आए हैं। इस दौरान उन्होंने मृतक का नाम और पता बारीकी से रसीद में लिखवाया तथा लकड़ी और कंडों की मांग की।

श्मशान कर्मचारी तरुण खत्री को इस पर संदेह हुआ। उसने बाहर आकर देखा तो कोई शव मौजूद नहीं था। तुरंत जीवाजीगंज पुलिस को सूचना दी गई।


पुलिस पूछताछ में निकली सच्चाई

पुलिस दोनों को थाने ले गई, जहां पूछताछ में खुलासा हुआ कि लालचंद की मौत 15 सितंबर 2024 को हो चुकी थी और 16 सितंबर 2024 को उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था।

दोनों ने बताया कि लालचंद का मृत्यु प्रमाण पत्र और श्मशान की रसीद पिछले साल बन चुकी थी, लेकिन वे कागज़ात कहीं खो गए। किसी ने उन्हें सलाह दी कि श्मशान से नई रसीद बनवाई जा सकती है, जिसके आधार पर नया प्रमाण पत्र मिल जाएगा।


तारीख मिलाकर रचा गया नाटक

पिता-पुत्र ने योजना बनाकर उसी तारीख (15-16 सितंबर) को रसीद लेने की कोशिश की, ताकि दस्तावेजों में मेल बैठे। उनका कहना था कि समग्र आईडी और अन्य सरकारी कामों के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जरूरी था।


पुलिस की जांच जारी

जीवाजीगंज टीआई विवेक कनोडिया ने बताया कि फिलहाल कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया है। अगर जांच में यह सामने आया कि इस फर्जी रसीद का इस्तेमाल जमीन, बैंक या वित्तीय लेन-देन के लिए किया जाना था, तो पिता-पुत्र पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


निष्कर्ष

यह घटना बताती है कि मृत्यु प्रमाण पत्र और श्मशान की रसीद जैसे संवेदनशील दस्तावेजों को लेकर कितनी लापरवाही और फर्जीवाड़ा संभव है। प्रशासन को अब ऐसे मामलों पर कड़ी निगरानी रखनी होगी, ताकि भविष्य में इस तरह के नाटक न हो सकें।

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