बरसात के दौरान राजसी सवारी में भगवान श्री महाकालेश्वर के छ: स्वरूपों में दर्शन

 उज्जैन । धर्म नगरी में सोमवार अपरांह् बरसते पानी में श्रद्धालुओं का सैलाब भगवान श्री महाकालेश्वर के 7 किलोमीटर सवारी मार्ग पर उनके दर्शनों के लिए उमडा। भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह की प्रमुख राजसी सवारी में भगवान के 6 स्वरूपों के दर्शनों के लिए यह सैलाब उमडा। सवारी में रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद, व श्री सप्तधान का मुखारविंद के दर्शन श्रद्धालुओं को हुए।

भगवान श्री महाकालेश्वर की शाही सवारी से पूर्व मंदिर के सभामंडप में विधिवत भगवान के श्री चन्द्रमोलेश्वर स्वरूप का पूजन-अर्चन उपरांत भगवान के श्री चंद्रामौलेश्वर स्वरूप को रजत पालकी में विराजित किया गया। उपस्थित प्रमुखों ने भगवान की पालकी को कांधा देकर नगर भ्रमण के लिए रवाना किया था। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दिया गया। सवारी के रामघाट पहुंचने पर वहां मोक्षदायिनी शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक किया गया। इसके उपरांत एक बार पून: सवारी परंपरागत मार्ग पर नगर भ्रमण के लिए निकली।

ऐसा था सवारी में क्रम-

सबसे आगे श्री महाकालेश्वर मंदिर का प्रचार वाहन चलेगा । उसके बाद यातायात पुलिस, तोपची, भगवान श्री महाकालेश्वर जी का रजत ध्वज, घुडसवार, विशेष सशस्त्र बल सलामी गार्ड, स्काउट / गाइड सदस्य , कांग्रेस सेवा दल , सेवा समिति बैंड के बाद उज्जैन के अतिरिक्त मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरो से परंपरागत रूप से सवारी में सम्मिलित होने वाली 70 भजन मंडलियां । नगर के साधू-संत व गणमान्य नागरिक, पुलिस बैंड, नगर सेना के सलामी गार्ड की टुकड़ी, श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी व पुरोहितगण । इसके बाद पालकी एवं भगवान के 6 स्वरूप एवं उनके साथ बैंड शामिल थे। सवारी के साथ एम्बुलेन्स, विद्युत मंडल का वाहन, फायर ब्रिगेड, वन विभाग पशु चिकित्सक दल रहा।

इस पार जलाभिषेक,उस पार से शैव संप्रदाय पूजन-

रामघाट पर भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का पालकी में मोक्षदायिनी शिप्रा के जल से अभिषेक किया गया तो सामने के दत्त अखाडा घाट से शैव संप्रदाय ने परंपरागत पूजन अर्चन नदी के दुसरे छोर से किया। दत्त अखाडा घाट से श्री पंच दशनाम जूना अखाडा की और से यह पूजन और परंपरागत वाद्ययंत्रों के साथ आरती की जाती है। इसे देखने के लिए घाट पर बडी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।

पालकी के साथ चला भारत बैंड-

स्वरूप                                     सह बैंड

पालकी में श्री चंद्रमोलीश्वर    –        भारत बैंड

रथ पर श्री गरुड़ पर विराजित श्री शिव-तांडव – रमेश बैंड

नंदी रथ पर श्री उमा महेश स्वरुप    –  गणेश बैंड

रथ पर श्री होल्कर स्टेट मुखारविंद- आर.के.बैंड

रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद –   राजकमल मुजिकल ग्रुप बैंड

हाथी पर विराजित श्री मनमहेश स्वरुप

17 मार्ग रहे प्रतिबंधित-

सवारी को लेकर दोपहर 12 बजे से शहर के 17 मार्ग प्रतिबंधित किए गए थे इनमें  हरिफाटक टी → बेगमबाग, दानीगेट रामानुजकोट, गुदरी चौराहा रामघाट, तेलीवाड़ा →कमरीमार्ग, निकास चौराहा तेलीवाड़ा, क्षीरसागर कंठाल, नरेन्द्र टॉकीज कंठाल, भार्गव तिराहा टंकी चौक, केडी गेट कमरीमार्ग, चक्रतीर्थ दानीगेट, शंकराचार्य → दानीगेट, तोपखाना लोहे का पुल, नलिया बाखल / बारह खोली → बेगमबाग ।

ये था 7 किलोमीटर सवारी मार्ग

महाकाल मंदिर से प्रारंभ होकर, महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा , पानदरीबा ,कहारवाड़ी, रामानुजकोट ,रामघाट,पूजन उपरांत वापसी  गणगौर दरवाजा ,कार्तिक चौक, खाती समाज श्री जगदीश मंदिर ,ढाबा रोड , कमरी मार्ग ,टंकी चौक ,तेलीवाड़ा चौराहा,कंठाल,सतीगेट, सर्राफा, खड़े हनुमान छत्रीचौक, गोपाल मंदिर , पटनी बाजार, गुदरी , महाकाल घाटी ,महाकाल मंदिर, मंदिर के सभा मंडप में सवारी का विश्राम एवं पूजन अर्चन ।

श्री गोपाल मंदिर पर स्टेट का पूजन-

श्री सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट की और से श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर से सवारी में पालकी मे सवार भगवान के श्री चंद्रमौलेश्वर स्वरूप का परंपरागत रूप से पूजन किया जाता है। इस दौरान भगवान को वस्त्र,पगडी अर्पण की जाकर पूजन अर्चन किया जाता है। रात करीब 9 बजे के लगभग सिंधिया स्टेट की और से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यहां पहुंचकर भगवान का  पूजन अर्चन किया । उनके साथ में देवस्थान ट्रस्ट के पदाधिकारी एवं प्रदेश सरकार के मंत्री तुलसी सिलावट, सहित अनेक नेता पूजन में शामिल हुए।

04 जनजातीय कलाकार दल शामिल हुए-

सवारी में लामूलाल धुर्वे अनूपपुर के नेतृत्व में ढुलिया जनजातीय गुदुमबाजा नृत्‍य, भुवनेश्वर से अभिजीत दास नेतृत्व में श्रृंगारी लोक नृत्‍य, सुमित शर्मा एवं साथी हरदा से डण्‍डा लोक नृत्‍य एवं साधूराम धुर्वे बालाघाट के नेतृत्व में बैगा जनजातीय करमा नृत्‍य की प्रस्तुतियां दी गई। यह सभी दल सवारी के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चल रहे थे।

 हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा-

राजसी सवारी पर आकाश से पानी और पुष्प दोनों की वर्षा का दौर एक समय चला। हेलीकाप्टर के माध्यम से पुष्प वर्षा करीब 4-5 राउंड में अलग अलग स्थानों पर की गई। रामघाट पर सवारी पूजन में भी पुष्प वर्षा का दौर चला। इसके साथ ही सवारी की शुरूआत से पूर्व झमाझम बारिश का दौर शहर में रहा। श्रद्धालु एवं भजन मंडलियों में शामिल लोग भीगने पर भी भगवान के दर्शनों के लिए जमे रहे। सवारी शुरू होने पर करीब 3 बार से अधिक धीमी वर्षा का दौर देखा गया है।

चप्पे-चप्पे पर नजर-

सवारी के दौरान भगवान के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए जिला पुलिस के 550 जवान के साथ अधिकारी और संभाग के सभी जिलों से आए 1100 से अधिक के फोर्स को सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया था। आधुनिक संसाधनों में 10 ड्रोन से नजर रखी जा रही है। जो स्मार्ट सिटी के कैमरा लगे हुए हैं इनके अतिरिक्त 200 सीसी टीवी कैमरा हर एंगल पर ध्यान रखने के लिए लगाए गए हैं। प्रमुख 30 से अधिक भवनों पर विशेष यंत्रों के साथ पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया हैं। कंट्रोल रूम बनाकर उसमें सभी मुवमेंट पर वरिष्ठ अधिकारी नजर रख रहे हैं। सादी वर्दी में हमारे 200 से अधिक महिला एवं पुरूष पुलिसकर्मी तैनात किए गए ।

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