राजसी सवारी से पहले उज्जैन में श्रद्धालुओं का बहाव आया

-राजसी सवारी से पहले उज्जैन में श्रद्धालुओं का बहाव आया

उज्जैन में 3 दिनी वेकेशन में सब कुछ फूल

-होटल,लाज,धर्मशाला,होमस्टे,रेस्ट हाउस में नहीं मिल रही जगह

उज्जैन। भगवान श्री महाकालेश्वर की राजसी सवारी से पहले 3दिनी वेकेशन में उज्जैन में श्रद्धालुओं का बहाव आ गया है। यहां सब कुछ फूल हो गया है। होटल ,लाज,धर्मशालाएं, होम स्टे, रेस्ट हाउस सभी में फूल होने के कारण आने वाले श्रद्धालुओं को जगह मिलना मुश्किल हो रहा है। इसके साथ ही धार्मिक क्षेत्र की सडकें भी फूल है और भोजन के लिए चलने वाले भोजनालय और रेस्टोरेंट में भी जमकर भीड उमडी हुई है।

धर्म नगरी में श्रद्धालुओं के तीन दिनी वेकेशन में बडी संख्या में आने का सिलसिला बरकरार है। इसके चलते व्यवस्थाएं डगमगाने के स्तर पर हैं। रोड से लेकर शहर में व्यवस्था तक में इसका असर देखा जा रहा है। उज्जैन में गुरूवार दोपहर बाद से ही श्रद्धालुओं की संख्या बराबर बढती जा रही है। इनके आने और जाने के क्रम लगातार जारी हैं। भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन के साथ ही प्रमुख धर्मस्थलों के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का जमावडा बराबर बना हुआ है। यह स्थिति सोमवार को राजसी सवारी निकलने के दुसरे दिन तक कायम रहने की स्थिति बताई जा रही है।

शहर में रूकने का आश्रय मिलना मुश्किल हुआ-

तीन दिनी वेकेशन के चलते शुक्रवार से शहर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को रूकने का आश्रय मिलना मुश्किल बन गया है। सामान्य बजट में छोटे होटल एवं लाज,धर्मशालाओं , रेस्ट हाउस में शुक्रवार दोपहर से ही फूल की स्थिति बन गई है। इसके चलते बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को रूकने के स्थल ढूंढना पड रहे हैं उसके बाद भी कई स्थानों पर चक्कर काटने पर कहीं एक जगह 2-4 घंटे इंतजार के बाद एक रूम खाली होने पर मिल पा रहा है। वो भी श्रद्धालुओं की मांग ओर सुविधा के अनुसार नहीं मिल रहा है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को उसमें एडजस्ट करना पड रहा है। स्थिति को देखते हुए होम स्टे एवं छोटी बजट की होटल वालों ने रातों-रात किराए में वृद्धि कर दी है और उसी मान से श्रद्धालुओं से वसूली शुरू हो गई है।

500 रूपए से नीचे आश्रय नहीं-

बढती श्रद्धालु संख्या को देखते हुए शहर में 500 रूपए से नीचे आश्रय स्थल नहीं मिल रहा है। हालत यह है कि धर्मशालाओं में भी इसी मान से वसूली की जा रही है। जहां होम स्टे में मात्र 500 रूपए में कमरे उपलब्ध थे वहां एक हजार से 1200रूपए की मांग की जा रही है।

भीड बडी तो कमीशन बढा-

इधर सामने आ रहा है कि श्रद्धालुओं की बढती संख्या के सामने आश्रय स्थल की कमी का लाभ आश्रय स्थल संचालक ही नहीं उठा रहे हैं । ई-रिक्शा,आटो रिक्शा वालों को भी इसका लाभ मिल रहा है। उन्हें संबंधित स्थल पर ले जाने पर संबंधित संचालक किराए के मान से ही तय कमीशन का हिस्सा दे रहे हैं। यह हिस्सा रातों –रात बढाए गए किराए पर उन्हें भी बढी दर से दिया जा रहा है।

इंदौर रोड पर कई बार जाम से हाल-

शहर में श्रद्धालुओं के आगमन के प्रमुख मार्ग में इंदौर रोड की गिनती पहले नंबर पर होती है। इस मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी ज्यादा रहती है। मार्ग को 6 लेन में अपडेट किया जा रहा है जिसके चलते मार्ग के कई स्थानों पर कार्य जारी है। इस कारण से मार्ग पर आने वाले वाहनों को धीमी गति और कई जगह परिवर्तन के कारण जाम से हालात बन रहे हैं। टोल पर भी वाहनों के निकलने में समय लग रहा है । ऐसे में शुक्रवार को ही दो से तीन बार जाम जैसे हालात बने थे। वाहन धीरे-धीरे ही यहां निकल रहे हैं।

ऐसा है 3-4 दिनी वेकेशन-

शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस के साथ ही पूरे दिन वेकेशन के हाल बन जाते हैं। उसके साथ ही उसके अगले दिन माह का तीसरा शनिवार होने से अवकाश की स्थिति है । अगले दिन रविवार का अवकाश है। इस तरह से बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए तीन दिन का वेकेशन है। स्थानीय एवं जिले के निवासियों के लिए यह वेकेशन 4 दिन की स्थिति का है। सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में राजसी सवारी निकलेगी। सवारी करीब 7 किलोमीटर परंपरागत मार्ग पर भ्रमण करेगी। इसके चलते शहर एवं जिले में अवकाश की स्थिति बनी रहेगी। सवारी में लाखों श्रद्धालु शहर ही नहीं आसपास के गांवों एवं जिलों से भगवान के इस बार 6 स्वरूपों के दर्शन के लिए जुटेंगे।

चाय से लेकर पोहा तक के रेट बढे-

श्रद्धालुओं की बढती संख्या को देखते ही शहर में बस स्टैंड से लेकर मंदिर क्षेत्र में ई-रिक्शा, आटो रिक्शा में किराया मन माफिक वसूली शुरू हो गया है। हाल यह देखे जा रहे हैं कि सामान्य चाय पोहा की दुकान पर भी दर ने उछाल भर लिया है। सामान्य कट चाय जो 5 रूपए में मिलती है उसके सीधे 10 रूपए वसूले जा रहे हैं । कुल्हड में चाय लेने वालों से सीधे 15 रूपए की वसूली हो रही है। हाफ प्लेट पोहा सीधे 15 रूपए में दिया जा रहा है। उसमें अगर अलग से प्याज और मसाला की मांग की जा रही है तो सीधे 20 रूपए लिए जा रहे हैं। हाफ प्लेट पोहे का मापदंड भी दुकानदार की मनमाफिक चल रहा है। आधी मुठ्ठी सेंव के अलग से 10-15 रूपए वसूले जा रहे हैं।

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