उज्जैन। रक्षाबधंन का पर्व आज 9 अगस्त को विशेष सहयोग में मनाया जाएगा। सबसे पहले भगवान महाकाल को राखी अर्पित की जाएगी। उसके बाद राखी का पर्व मनाया जाएगा। आज रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधेगी जो सुरक्षा का प्रतीक होती है। राखी बांधने के बाद बहनें भाई की लंबी उम्र और खुशहाली की प्रार्थना करती है। बदले में भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं। रक्षाबंधन को सबसे खास इसलिए माना जाता है क्योंकि इसमें भाई-बहन के रिश्तों की मिठास झलकती है।इस बार रक्षाबंधन खास संयोग के साथ मनेगा। भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक का ये पर्व इस बार श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, करण, मकर राशि में चंद्रमा और पूर्णिमा तिथि में मनाया जाएगा। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, ऐसा योग 297 वर्ष बाद बना है। ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डिब्बेवाला ने कहा- ग्रहों की वर्तमान स्थिति 1728 में बने दुर्लभसंयोग को दोहरा रही है। रक्षाबंधन पर 8 ग्रह उन्हीं राशियों में रहेंगे, जिनमें 1728 में थे। इनमें सूर्य कर्क, चंद्र मकर, मंगल कन्या, बुध कर्क, गुरु और शुक्र मिथुन, राहु कुंभ और केतु सिंह राशि में रहेंगे। ऐसे अद्भुत योग शताब्दियों में एक बार ही बनते हैं। जिससे इस बार का रक्षाबंधन और भी पुण्य फलदायी माना जा रहा है। वहीं सबसे पहले आज शनिवार तड़के 3 बजे बाबा महाकाल को राखी अर्पित की जाएगी। यह खास राखी हर वर्ष पुजारी परिवार की महिलाएं ही तैयार करती हैं। वे बाबा महाकाल को अपना भाई
मानकर ये राखी तैयार करती हैं। आज सबसे पहले बाबा महाकाल को राखी बांधी जाएगी।
आज भगवान महाकाल को लगेगा सवा लाख लड्डुओं का महाभोग
प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में आज रक्षाबंधन पर्व पर बाबा महाकाल को राखी बांधने के बाद सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया जाएगा। ये लड्डू शुद्ध देसी घी, बेसन, शक्कर और ड्रायफ्रूट्स से तैयार किए गए हैं। भोग लगाने के बाद श्रद्धालुओं को लड्डू प्रसाद का वितरण किया जाएगा। वही यह असंख्य लड्डू मंदिर के अंदर परिसर में सजाए गए हैं जिससे पूरा मंदिर लड्डुओं की खुशबू से महक उठा
