जीवनसाथी की खुशहाली के लिए वटवृक्ष के लिए फेरे

ब्रह्मास्त्र उज्जैन

आज शहर में महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु व खुशहाली के लिए बरगद वृक्ष की पूजा पूरे विधि विधान से की। वट वृक्ष की पूजा ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर एवं ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर की जाती है। महिलाएं वट (बरगद) को कुंकू, हल्दी, अक्षत व हल्दी अर्पित करके सूत के धागे के साथ वृक्ष के सात फेरे लेती हैं और अपने पति के स्वास्थ्य व समृद्धि की कामना करती हैं। दिनभर बिना जल के उपवास रखने के बाद पूजनोपरांत ही जल व आहार ग्रहण किया जाता है।

बरगद के वृक्ष का महत्व- सनातन धर्म में बरगद को पवित्र वृक्ष माना गया है। मान्यतानुसार इसमे त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनो का वास होता है। जन्मदाता ब्रह्मा, पालनकर्ता विष्णु व मोक्षदाता शिव को प्रसन्न करने के लिए ही बरगद की पूजा की जाती है। प्राचीनकाल में अपने पति की खुशहाली के लिए सावित्री ने बरगद की पूजा की थी और उन्हें पति की अक्षय आयु का वरदान मिला था।

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