हथेलियों को जलाया, माथे पर गर्म सिक्का रखा: उज्जैन में प्रेत आत्मा से मुक्ति के नाम पर महिला को दी गईं यातनाएं, 8 पर FIR
उज्जैन | 5 घंटे पहले
उज्जैन में इलाज और शरीर से कथित “प्रेत आत्मा” निकालने के नाम पर एक महिला के साथ बर्बर प्रताड़ना का मामला सामने आया है। आरोप है कि महिला की दोनों हथेलियों को जला दिया गया और सिर पर गर्म सिक्का रखकर दागा गया। दर्द के कारण वह बेहोश हो गई थी। यह घटना 29 सितंबर की है, जबकि पीड़िता ने 9 अक्टूबर को महिला थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
🔥 घटना का विवरण
जूना सोमवारिया क्षेत्र की रहने वाली उर्मिला (22 वर्ष) की शादी गौतमपुरा में हुई थी। बीमार रहने के कारण वह अपनी दो साल की बेटी के साथ मायके उज्जैन में रह रही थी। डॉक्टरों के इलाज से राहत न मिलने पर उसकी मां को पता चला कि खाचरोद के पास श्रीवच्छ गांव में “माता” का अवतार लेने वाली एक महिला पूजा-पाठ से बुरी आत्मा भगाती है।
नवरात्रि की सप्तमी के दिन उर्मिला अपनी मां हंसा और परिवार के दो अन्य सदस्यों के साथ वहां पहुंची। मां को बाहर रोक लिया गया और उर्मिला को अंदर एक कमरे में ले जाकर अमानवीय तरीके से प्रताड़ित किया गया।
⚖️ प्रताड़ना की हदें पार
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पीड़िता के अनुसार, आरोपियों ने पहले उसे जंजीरों से पीटा,
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फिर रुई की बत्ती को घी में डुबोकर दोनों हथेलियों पर जलाया,
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और सिर पर गर्म सिक्का रखकर दागा।
जलने से उसकी सिर की चमड़ी तक निकल गई। दर्द असहनीय होने पर वह वहीं बेहोश हो गई।
🚨 आठ आरोपी नामजद
पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है —
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सुधा बाई
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कान्हा (सुधा का बेटा)
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मनोहर भील
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कान्हा भील
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संतोष चौधरी
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राजू चौधरी
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कान्हा चौधरी
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रितेश चौधरी
इनमें से चार लोग पीड़िता के ही परिवार से हैं। पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया है।
👮♀️ पुलिस का बयान
महिला थाना प्रभारी टीआई लीला सोलंकी ने बताया —
“जब महिला थाने पहुंची तो उसके दोनों हाथ जले हुए थे और सिर पर चोट के निशान थे। उसकी हालत देखकर हम भी हैरान रह गए। तुरंत खाचरोद थाने से संपर्क किया गया, जहां से जानकारी मिली कि श्रीवच्छ गांव में यह परिवार ऐसे टोटके करवाता है। आठ आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।”
🩺 पीड़िता की आपबीती
“पति से अलग मां के साथ रहती हूं। अगरबत्ती बनाने का काम करती हूं ताकि बेटी का पालन-पोषण हो सके। तबीयत खराब थी, डॉक्टर को दिखाया लेकिन फर्क नहीं पड़ा। नवरात्रि में मां ने कहा ‘माता के पास चलो’, लेकिन वहां तो उन्होंने मुझे जला दिया…”
उर्मिला के दोनों हाथ अभी भी छालों से भरे हैं।
📍 ऐसे अंधविश्वास से सावधान
मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में अभी भी ‘भूत-प्रेत’ और ‘देवी-देवता के चमत्कार’ के नाम पर टोटके और झाड़-फूंक की घटनाएं सामने आती रहती हैं। ये न केवल अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं, बल्कि पीड़ितों के लिए गंभीर शारीरिक और मानसिक खतरा बनते हैं।
