उज्जैन। भगवान श्री महाकालेश्वर के तृतीय तल स्थित भगवान श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के सोमवार रात 24 घंटों के लिए अर्द्ध रात्रि रात 12 बजे पट खोले गए। त्रिकाल पूजा के साथ यहां आम श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू कर दिया गया। सुबह 11 बजे तक यहां 4 लाख श्रद्धालुओं के दर्शन का दावा मंदिर प्रबंध समिति की और से किया गया है। इस मान से प्रारंभिक 11 घंटे में प्रति सेकंड 10 से अधिक श्रद्धालुओं ने यहां दर्शन किए हैं। साल में एक बार नाग पंचमी के अवसर पर भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के पट रात्रि 12 बजे खोले गए । मंदिर के पट खुलने के बाद सर्वप्रथम श्री पंचायती महानिर्वाणीअखाडा श्री महाकालेश्वर मंदिर के महंत विनीतगिरी महाराज ने यहां लगा पर्दा हटाते हुए विधि-विधान से श्री नागचंद्रेश्वर भगवान की भित्ती प्रतिमा का पूजन अर्चन किया । इस अवसर पर प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल , लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सम्पतिया उइके के साथ अन्य प्रशासनिक, पुलिस अधिकारियों ने प्रतिमा के पूजन के पश्चात श्री नागचंद्रेश्वर के शिवलिंग का पूजन और अभिषेक किया गया । पूजन अर्चन के बाद भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए । एयरो ब्रिज से श्रद्धालुओं को मंदिर के पूर्व तक 4-4 की कतार में लाया गया एवं मंदिर के पूर्व 2-2 की कतार में श्रद्धालुओं को भगवान की भित्ती प्रतिमा एवं शिवलिंग के दर्शन करवाते हुए आगे की और बढा दिया गया। श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं। कलेक्टर रौशन कुमार सिंह एवं एसपी प्रदीप शर्मा मौके पर ही मोर्चा संभाले बैठे हैं और मंदिर में होने वाली सभी गतिविधियों पर कंट्रोल रूम से नजर रख रहे हैं। हर घंटे दर्शनों की व्यवस्था का जायजा भी इस दौरान लिया जा रहा है। मिडिया को जारी बयान में कलेक्टर सिंह के अनुसार दोपहर दो बजे तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालू दर्शन कर चुके हैं। उनका कहना था कि अनुमान है कि रात 12 बजे तक 10 लाख श्रद्धालू दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं।दो किलोमीटर दूर से लगी लाईन-भगवान के दर्शनों के लिए कर्कराज पार्किंग,चार धाम, होल्डप एरिया, डेड तिराहा, घोडा गणेश, इस्कान धाम क्षेत्र से प्रवेश दिया जा रहा था। श्रद्धालुओं की वापसी इसी मार्ग से रही है। इसके लिए बेरिकेडस में श्रद्धालुओं की लाईन लगवाई गई । सामान्य श्रद्धालुओं को 2-3 घंटे कतार में लगने के उपरांत दर्शन हो सके हैं।पत्रकारों एवं परिजनों के साथ धक्का-मुक्की-आंचलिक पत्रकार संघ के संभागीय अध्यक्ष एवं प्रदेश प्रवक्ता रामचंद्र गिरी के अनुसार नागपंचमी के अवसर पर आज भी पत्रकारों और उनके परिजनों के साथ महाकाल मंदिर में दर्शन के दौरान काफी धक्का- मुक्की, रोक-टोक की गई । खाकी वर्दीधारी और सत्ताधारी दल के नेताओं के परिजनों के लिए अलग से प्रवेश द्वार बनाया गया । उन्हें निकासी द्वार से विशेष रूप से दर्शन करने ले जाया गया।कुल मिलाकर मंदिर में खाकी का कब्जा था । लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को जूते की नोक पर रख दिया गया । आने वाला समय और विकट है। मुख्यमंत्री का शहर है …मुख्यमंत्री जी की ख्याति दांव पर लगी है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं तथा यहां के स्थानीय प्रेस कर्मियों के साथ बुरा व्यवहार…यहां तक की दोपहर 1:00 से 3:00 तक प्रेस के लोगों और परिजनों के प्रवेश की भी सूचना मानसरोवर गेट पर नहीं दी गईl कवरेज के लिए भी प्रवेश करना मुश्किल किया हुआ था। कहा जा रहा था कि मंदिर में प्रवेश के लिए कोई विशेष प्रवेश पत्र नहीं है लेकिन 5000 से अधिक नीले प्रवेश पत्र टांगे लोग वीआईपी दर्शन करने पहुंचे थे। सवाल यह है कि कौन है यह वीआईपी लोग इनका मंदिर के विकास एवं संचालन में क्या योगदान है फिर इन्हें लोकतंत्र के चौथे प्रहरी प्रेस से भी अधिक सुविधा सम्मान और प्रोटोकॉल कैसे प्रदान किया जा रहा है। एक अन्य पत्रकार ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन के जनसंपर्क विभाग से जारी होने वाले अधिमान्यता कार्ड को रेलवे और अन्य सुविधा की तरह मंदिर एवं इसकी व्यवस्था के साथ वर्दी ने भी दरकिनार कर सीधे तौर पर ही जनसंपर्क विभाग एवं उसके अधिकारियों के साथ जिम्मेदारों को चुनौती दी है । इसकी सूचना मुख्यालय तक भी पहुंची थी। ये इन्हीं के लिए शर्मनाक है न कि प्रजातंत्र के प्रहरियों के लिए।जूते के लिए अधिकारी का संदेश-पत्रकारों एवं उनके परिजनों के दर्शन के लिए ग्रांड होटल से मंदिर तक बस में ले जाने और लाने की व्यवस्था की गई थी। इस व्यवस्था के तहत दोपहर 1-3 के बीच दो बसों से इन्हे लाया ले जाया गया। पहली खेप में गई बस वापसी में जाम में फस गई और ग्रांड होटल तक पहुंचने में देर हो गई। यहां आए पत्रकार एवं उनके परिवार इंतजार के बाद घरों को लौट गए। मंदिर से संबंधित सूचना जारी करने के लिए मंदिर समिति की और से जनसंपर्क श्री महाकालेश्वर मंदिर के सोश्यल मिडिया ग्रुप में ही जिम्मेदार अधिकारी ने पत्रकारों एवं परिवारों के लिए बस में जूते – चप्पल उतारने और असुविधा से बचने का संदेश प्रेषित कर दिया। इससे स्पष्ट था कि पत्रकारों के लिए की गई व्यवस्था किस स्तर की गई थी।एक सेकंड में 10 से अधिक श्रद्धालु के दर्शन-मंदिर समिति का दावा रहा कि प्रारंभिक पौने 11 घंटों के दौरान प्रति सेकंड 10 से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए हैं। जिस एयरो ब्रिज से श्रद्धालुओं को भगवान तक ले जाया जा रहा था वहां 4-4 की कतार की गई थी। पूर्व में इसी एयरो ब्रिज का परीक्षण किया गया था जिस पर 300 सुरक्षाकर्मियों को खडा कर गतिविधियां करवाई गई थी। इस दौरान पूरा ब्रिज खचाखच हो गया था। इस ब्रिज से आगे श्रद्धालुओं की कतार 2-2 के रूप में बदल दी गई और श्रद्धालुओं को भगवान के एक और से सीधे निकाल दिया गया। श्रद्धालुओं को इस दौरान भगवान श्री नागचंद्रेश्वर की भित्ती प्रतिमा एवं शिवलिंग दोनों के दर्शन हो रहे थे। यहां स्थिति क्षेत्र की स्थिति एवं परिस्थिति इसे लेकर सवाल खडा कर रहे हैं।त्रिकाल पूजा-नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्द्रे श्वीर की त्रिकाल पूजा की गई। सोमवार रात मध्यरात्रि पट खुलने के पश्चा्त श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत द्वारा प्रथम पूजन व अभिषेक किया गया। मंगलवार नागपंचमी पर अपरान्ह 12 बजे शासकीय पूजन किया गया । मंदिर प्रबंध समिति द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान की सायं आरती के पश्चात पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा पूजन-आरती की गई। रात्रि 12 बजे के पश्चात भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर महादेव के पट बंद किए गए।दुर्लभ,अदभूत प्रतिमा-श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर में 11 वीं शताब्दी की अद्भुत प्रतिमा स्थापित है। प्रतिमा में श्री नागचन्द्रेश्वर स्वयं अपने सात फनों से सुशोभित हो रहे है। साथ में शिव-पार्वती के दोनों वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित है। मूर्ति में श्री गणेश की ललितासन मूर्ति, उमा के दांयी ओर कार्तिकेय की मूर्ति व उपर की ओर सूर्य-चन्द्रमा भी अंकित है। भगवान के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए है। कहते हैं कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। ऐसी मान्यता है कि, उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है। इस प्रतिमा के दर्शन के उपरांत अंदर प्रवेश करने पर भगवान श्री नागचन्द्रेतश्वर की मुख्य प्रतिमा (शिवलिंग) के दर्शन होते है।नीले प्रवेश पत्र आखिर क्यों और किसके लिए- मंदिर में दर्शन के लिए परिवार के साथ पहुंचे मिडिया कर्मियों की उनके परिजनों ने ही सवालों की बौझार लगा दी थी। असल में मिडियाकर्मी परिजनों ने नीला कार्ड लगाए लोगों को बेरोकटोक आते –जाते देखा और कुछ से उन्होंने जानकारी ले ली । इस दौरान जो कुछ सामने आया उसके बाद मिडिया कर्मी परेशानी से घिर गए । इस दौरान नीला कार्ड धारी वीआईपी सज्जन ने कहा कि मंदिर समिति ने प्रशासन एवं वीआईपी कार्ड बटवाए हैं और ये कुछ विशेष लोगों को ही दिए गए हैं। खास बात यह थी की इन नीले कार्डों पर मुद्रण संख्या का कोई उल्लेख नहीं देखा गया जो कि कई शंकाओं को जन्म देने वाला है ।24 घंटे में भी 10 लाख संभव नहीं-इधर सामान्य लाईन में लगे श्रद्धालू बराबर मोबाईल एवं सोश्यल मिडिया पर मंदिर की गतिविधि का भी जायजा ले रहे थे। इस दौरान दो श्रद्धालुओं में चर्चा होती सूनी गई की पूरे 24 घंटे भी सतत दर्शन करवाएं तो 10 लाख श्रद्धालुओं को दर्शन करवाना नामुमकिन हैं। भगवान श्री महाकालेश्वर एवं नागचंद्रेश्वर दोनों स्थानों पर जरूर यह संभव है। सिर्फ नागचंद्रेश्वर में 10 लाख श्रद्धालुओं को दर्शन करवाना किसी भी हाल में वर्तमान व्यवस्था में संभव नहीं है। क्षेत्रफल के मान के साथ ही एयरो ब्रिज का आकार एवं समय की गणना के मान से भी देखा जाए तो 24 घंटे में कुल 86 हजार 400 सेकंड होते हैं और प्रति सेकंड 10 श्रद्धालुओं को दावा भी माना जाए तो 8 लाख 64 हजार से ज्यादा श्रद्धालू दर्शन करवाना संभव नहीं है। इस संख्या के लिए एयरो ब्रिज को टू लेन करना होगा।
