श्रावण माह का शुभारंभ महाकालेश्वर मंदिर में अलौकिक भस्म आरती, लाखों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन को उमड़े

श्रावण माह का शुभारंभ

महाकालेश्वर मंदिर में अलौकिक भस्म आरती, लाखों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन को उमड़े

उज्जैन | 11 जुलाई 2025
श्रावण मास का पहला दिन और भगवान महाकाल का दिव्य रूप… उज्जैन में श्रावण माह का शुभारंभ भक्ति और आस्था के अद्भुत संगम के साथ हुआ। तड़के 3 बजे जब महाकालेश्वर मंदिर के पट खुले, तो हजारों श्रद्धालुओं की आंखों में आस्था और हृदय में भावनाओं की लहरें साफ झलक रही थीं।


🌄 तड़के 3 बजे खुला मंदिर, शुरू हुई दिनचर्या

वीरभद्र जी के कान में स्वस्तिवाचन, घंटी की मंगल ध्वनि, और फिर सभा मंडप के चांदी के पट खुलते ही आरंभ हुई कर्पूर आरती। इसके बाद भगवान महाकाल का स्नान, पंचामृत अभिषेक और भस्म श्रृंगार की प्रक्रिया शुरू हुई।


🕉️ भस्म आरती में अलौकिक श्रृंगार

भगवान महाकाल का आज किया गया विशेष श्रृंगार:

  • रजत का चंद्र, त्रिशूल, मुण्डमाला और शेषनाग मुकुट

  • रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों की माला

  • भांग, चन्दन और ड्राईफ्रूट का मनोहारी श्रृंगार

  • मिष्ठान और फलों का भोग अर्पित किया गया

महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से बाबा महाकाल को विशेष रूप से भस्म अर्पित की गई।


🧘‍♂️ श्रावण में तपस्या, बिल्व पत्र और जल का महत्व

महेश पुजारी ने बताया कि श्रावण माह शिव आराधना और आत्म संयम का मास होता है।

“भक्त बिल्व पत्र और जल अर्पित कर भगवान महाकाल को प्रसन्न करते हैं। सुबह भस्म आरती से दिन की शुरुआत होती है और रात की शयन आरती तक दर्शन लगातार जारी रहते हैं।”


📌 श्रद्धालुओं का अनुमानित आंकड़ा

इस बार श्रावण माह में उज्जैन में 80 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। शुक्रवार को ही पहले दिन बड़ी संख्या में भक्त महाकाल के दर्शन को पहुंचे और भस्म आरती के दर्शन किए।


🛕 महाकाल मंदिर में श्रद्धा का प्रवाह

श्रावण मास के पहले शुक्रवार को:

  • सुबह 3 बजे खुला मंदिर

  • भस्म आरती में हजारों श्रद्धालु हुए शामिल

  • नंदी हाल और सभा मंडप में भक्तों की अपार भीड़

  • चलायमान आरती में भी दर्शन का क्रम निरंतर जारी


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