शनि प्रदोष पर महाकाल मंदिर में धनतेरस पर्व का भव्य आयोजन: भगवान महाकाल और कुबेर देव का पूजन, चांदी के सिक्के अर्पित किए गए

शनि प्रदोष पर महाकाल मंदिर में धनतेरस पर्व का भव्य आयोजन: भगवान महाकाल और कुबेर देव का पूजन, चांदी के सिक्के अर्पित किए गए

उज्जैन, 18 अक्टूबर 2025।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार को शनि प्रदोष और धनतेरस के पावन संयोग पर महापूजा और अभिषेक का भव्य आयोजन किया गया। दीपावली पर्व की शुरुआत भगवान महाकाल के आंगन से हुई, जहां सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी रही।

मंदिर के पुरोहित परिवार ने भगवान महाकाल, कुबेर देव और चांदी के सिक्कों का पूजन-अभिषेक कर विश्व शांति, जनकल्याण, सुख, समृद्धि और आरोग्यता की कामना की। चांदी के सिक्के भगवान को अर्पित किए गए, जो धन और सौभाग्य के प्रतीक माने जाते हैं। पूरा परिसर “हर हर महादेव” के जयकारों से गूंज उठा।

नंदी हॉल में सुबह 10 बजे से पूजन आरंभ हुआ। इसमें गणपति पूजन, महालक्ष्मी पूजन, पंचामृत स्नान और रुद्राभिषेक विधिवत संपन्न हुआ। इस अवसर पर संभाग आयुक्त आशीष सिंह, कलेक्टर रौशन कुमार सिंह और एसपी प्रदीप कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। पूजा के पश्चात गर्भगृह की देहरी पर दीपक अर्पित कर महाकाल से आशीर्वाद लिया गया।

20 अक्टूबर को दीपावली और अन्नकूट महोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान महाकाल को उबटन लगाकर श्रृंगार करेंगी। इसके बाद 56 भोग का अन्नकूट गर्भगृह में लगाया जाएगा और कोटितीर्थ कुंड पर हजारों दीपक प्रज्ज्वलित कर महाआरती होगी। वहीं 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा।

इसी क्रम में श्री सांदीपनि आश्रम परिसर स्थित कुंडेश्वर महादेव मंदिर में भी विशेष आयोजन हुआ। यहां स्थापित प्राचीन कुबेर देव प्रतिमा का आभूषणों से श्रृंगार कर विशेष पूजन किया गया। वर्ष में केवल एक बार, धन त्रयोदशी के दिन ही इस प्रतिमा की पूजा की जाती है।

मंदिर के पुजारी शिवांश व्यास ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन कुबेर की नाभि में इत्र लगाने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। श्रद्धालुओं ने कुबेर प्रतिमा की नाभि में इत्र अर्पित किया और मिष्ठान व अनार का भोग लगाया। मंदिर के शिखर पर स्थापित श्री यंत्र भी आकर्षण का केंद्र रहा।

धन त्रयोदशी के शुभ मुहूर्त:
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार इस वर्ष ब्रह्म योग में धन त्रयोदशी के साथ शनि प्रदोष का संयोग अत्यंत शुभ है। गृह उपयोगी वस्तुओं की खरीदी के श्रेष्ठ मुहूर्त इस प्रकार हैं —

  • दोपहर 2 बजे तक चंचल मुहूर्त

  • दोपहर 2 बजे से 3:30 बजे तक लाभ मुहूर्त

  • 3:30 से 5 बजे तक अमृत मुहूर्त

  • 5:55 से 7:25 बजे तक लाभ व प्रदोष काल का श्रेष्ठ समय

  • 8:55 से 10:25 बजे तक शुभ मुहूर्त

भक्तों के उत्साह, दीपों की रोशनी और वैदिक मंत्रोच्चारों से महाकाल मंदिर का पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।

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