उज्जैन। विक्रम विश्व विद्यालय से संबद्ध सभी ला कालेजों पर अब नियमों का शिकंजा कसने की तैयारी है। कालेजों का रूल्स आफ लीगल एजुकेशन के अनुरूप होना अनिवार्य है । इसका पालन नहीं हो रहा है। ऐसी स्थिति में उज्जैन ही नहीं पूरे प्रदेश में ला कालेजों की संबद्धता को लेकर नियमों का शिकंजा कसा जाने वाला है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव अनिल शर्मा बताते हैं कि इसके तहत संबद्ध सभी कालेजों को निर्देश तीन बार दे दिए गए हैं,जून –जुलाई में टीम निरीक्षण भी करेगी।
शासकीय विश्वविद्यालयों से संबद्धता प्राप्त कई विधि कॉलेजों की संबद्धता पर रूल्स आफ लीगल एजुकेशन के अनुरूप नहीं होने से खतरे के बादल मंडरा गए हैं। विधि कॉलेज को संचालित करने के लिए कुछ नियम विधि कॉलेज संचालन के लिए रूल्स ऑफ लीगल एजुकेशन के अंतर्गत, किसी भी विधि कॉलेज को संचालित करने के लिए कुछ नियम और विनियम निर्धारित हैं। ये नियम मुख्य रूप से बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित किए गए हैं, जो भारत में कानूनी शिक्षा के विनियमन के लिए जिम्मेदार है।
ये है नियम एवं विनियम-
विधि कालेज संचालन के लिए कुछ मुख्य नियम और विनियम हैं। किसी भी विधि कॉलेज को संचालित करने के लिए, उसे पहले किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त करनी होगी। संबद्धता के लिए, कॉलेज को विश्वविद्यालय की टीम द्वारा निरीक्षण से गुजरना होगा और फिर संबंधित राज्य सरकार से एनओसी प्राप्त करना होगा। विधि कॉलेज में प्रवेश के लिए, उम्मीदवारों को कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा, जैसे कि किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या स्नातक की डिग्री होना। पाठ्यक्रम: विधि कॉलेज को बीसीआइ द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार ही शिक्षण प्रदान करना होगा, पाठ्यक्रम में कम से कम 30 घंटे का शिक्षण शामिल होना चाहिए, जिसमें प्रतिदिन कम से कम पांच घंटे का शिक्षण और 30 मिनट का अवकाश शामिल है। शिक्षण : विधि कॉलेज में शिक्षण के लिए, योग्य और अनुभवी शिक्षकों की नियुक्ति किया जाना अनिवार्य है। अधोसंरचना : विधि कॉलेज में पर्याप्त अधोसंरचना, मसलन पुस्तकालय, व्याख्यान कक्ष आदि होना आवश्यक है। अध्ययन: विधि कॉलेज में छात्रों को अध्ययन के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिए जाने चाहिए. विधि कॉलेज में छात्रों को कानूनी शिक्षा के साथ-साथ अन्य आवश्यक कौशल भी प्रदान किए जाने चाहिए।
उच्च शिक्षा आयुक्त ने निर्देश जारी किए-
सामने आ रहा है कि उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त ने सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पत्र भेजकर उनसे ऐसे कॉलेजों की जानकारी मांगी है, जहां एलएलबी और बीए एलएलबी के पाठ्यक्रम संकाय के रूप में संचालित हैं और जहां रूल्स ऑफ लीगल एजुकेशन का पालन नहीं हो रहा है।कॉलेजों का रुल्स ऑफ लीगल एजुकेशन के अनुरूप होना अनिवार्य बार काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देश पर आयुक्त ने यह कार्रवाई की है। उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त ने कहा कि प्रदेश के विधि महाविद्यालयों को लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया समय-समय पर जानकारी मांगता है, खास तौर पर कॉलेजों का रुल्स ऑफ लीगल एजुकेशन के अनुरूप होना अनिवार्य होता है। इसके चलते अब विधि कॉलेज संचालकों को दोबारा से अपने कालेजों की संबंधित जानकारी उच्च शिक्षा विभाग को देनी होगी।
फरवरी में मिला था पत्र-कुलसचिव
विक्रम विश्व विद्यालय के कुलसचिव अनिल के शर्मा बताते हैं कि संबद्ध कालेजों को शासन एवं आयुक्त के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है । आयुक्त के निर्देश के तहत अब तक तीन बार ला कालेजों को इंस्ट्रक्शन जारी किए गए हैं। सख्त हिदायत दी गई है कि कालेजों में बीसीआई के मापदंड का पालन हर हाल में किया जाए। इसके साथ ही विक्रम विश्व विद्यालय अपने से संबंद्ध ला कालेजों से शपथ –पत्र भी ले चुका है। अब रुल्स ऑफ लीगल एजुकेशन एवं बीसीआई के मापदंड के पालन के लिए विश्व विद्यालय स्तर पर निरीक्षण का काम किया जाएगा। जून –जुलाई में विश्व विद्यालय की टीम इसके लिए पहुंचेगी। वैसे बीसीआई निरीक्षण करता है।
