लैंड पुलिंग योजना का विरोध करने वाले किसानों को 100 किलोमीटर घुमाया घट्टिया,महिदपुर,झारडा घुमाया उज्जैन में पेश किया -अधिकांश को प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के बाद छोडा,मजदूरों को भी जद में लिया

उज्जैन। लैंड पुलिंग योजना का विरोध करने वाले किसानों को दरगाह मंडी चिमनगंज थाना क्षेत्र से हिरासत में लिया गया था। उसके बाद किसानों को उज्जैन से घट्टिया, महिदपुर,झारडा थाना ले जाया गया। अंत में विरोध की स्थिति एवं पुलिस वाहन के पीछे चल रहे किसानों की स्थिति देख कर वापस पकडे गए किसानों को उज्जैन लाया गया। यहां अनुविभागीय दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया। 8 किसानों को 151 में जेल भेजा गया है। 17 को प्रतिबंधात्मक 107/116 की कार्रवाई की गई है।

रविवार को जल सत्याग्रह एवं लैंड पुलिंग योजना की शव यात्रा निकाल कर अपना लोकतांत्रिक तरीके से विरोध व्यक्त करने वाले किसानों को जमकर सताया गया है। किसान संघर्ष समिति के अनुसार लैंड पुलिंग योजना में सिंहस्थ क्षेत्र की 2378 हेक्टेयर जमीन को विकास प्राधिकरण आध्यात्मिक नगरी बनाने के लिए अधिग्रहण कर रहा है। इसके विरोध में किसान संघर्ष समिति ने आंदोलन छेड रखा है। इसी के तहत रविवार को आंदोलन किया गया जो लोकतांत्रिक तरीके से शांति पूर्ण किया जा रहा था। आंदोलन की सूचना पर पुलिस ने किसान नेताओं को शनिवार रात को घरों से उठाया था। जिसे लेकर किसानों की उन्हें छोडने की मांग पर वे चिमनगंज थाना पहुंचे थे। वहां किसानों के आग्रह को दुत्कार मिली तो किसान महिला पुरूष थाना क्षेत्र के दरगाह मंडी पर पहुंचे और यहां राष्ट्रीय राजमार्ग इंदौर –कोटा पर जाम लगाकर बैठ गए थे।

हिरासत में लेकर 100 किलोमीटर घुमाया-

किसान संघर्ष समिति से जारी बयान के अनुसार दरगाह मंडी क्षेत्र से पुलिस ने चक्काजाम करने वाले किसानों को हिरासत में लिया था।करीब 25 किसानों को पुलिस के वाहनों में बैठाकर पहले घट्टिया थाना ले जाया गया। इसके बाद वहां भी क्षेत्र के किसानों की बढती संख्या को देखते हुए वाहनों में बैठे किसानों को महिदपुर ले जाया गया। यहां भी वाहनों के पीछे चल रहे किसानों की सूचना पर थाने पर किसानों की भीड जुटने लगी तो पुलिस वाहन में बैठे किसानों को यहां से झारडा ले जाया गया। बाद में यहां भी भीड बढती देख वापस उज्जैन लाया गया । इस तरह से 100 किलोमीटर से अधिक किसानों को बेवजह ही घुमाया गया और फिर से उज्जैन लाकर  रात में अनुविभागीय दंडाधिकारी कृतिका भिमावद के समक्ष पेश किया गया।

8 को जेल,17 पर 107/116-

अनुविभागीय दंडाधिकारी के यहां लाकर सभी को पेश किया गया। इनमें से प्रमोद भदौरिया सेवानिवृत्त थाना प्रभारी,माखन यादव संघ पदाधिकारी,छोटेलाल मंडलोई पार्षद सहित 8 किसानों को वारंट बनाकर  जेल भेज दिया गया। इनके अतिरिक्त 17 किसानों पर धारा 107/116 में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए बांड भरवाया गया है।

किसानों के अधिवक्ताओं ने किया विरोध-

किसान संघर्ष समिति के अनुसार झारडा थाना पर ले जाने के बाद पुलिस ने वहां पर धारा 151 की कार्रवाई के लिए किसानों से हस्ताक्षर लेने का प्रयास किया था जिसका विरोध किया गया। साथ चल रहे अधिवक्ताओं ने इस पर विरोध दर्ज करवाया था। इस पर फिर से विचार किया गया और सभी को वाहनों में भरकर उज्जैन लाया गया। इसके बाद यहां अनुविभागीय दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया।

अपनी रोजी रोटी के लिए आंदोलन-

किसान संघर्ष समिति के एक पदाधिकारी के अनुसार अपनी रोजी रोटी छिनती देख किसान यह आंदोलन कर रहे हैं। पिछले 16 वर्ष से जिस जमीन की गाईड लाईन शासन ने नहीं बढाई उसे 16 वर्ष पूर्व की गाईड लाईन पर दो गुना मुआवजे पर अधिग्रहण की कार्रवाई को आखिर कैसे जायज कहा जा सकता है। प्रति वर्ष पंजीयन विभाग करीब 15 प्रतिशत गाईड लाईन बढाता है। इस मान से 16 वर्ष में सिंहस्थ क्षेत्र की जमीन की गाईड लाईन क्या होना चाहिए और किसानों को जो 16 वर्ष पूर्व गाईड लाईन से मुआवजे की बात कही जा रही है उसे न्याय सम्मत कैसे मान लिया जाए। किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना था कि कुछ अधिकारी हमें व्यक्तिगत दुश्मन और अपराधी मानकर व्यवहार कर रहे हैं। यहां तक की उनके शब्दों और भावनाओं में भी यह स्थिति सामने आ रही है। हमारा कहना है कि वे हमारी जगह अपने आप को रखकर देखें और फिर निर्णय लें।

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