मुख्यमंत्री अपनी दो साल की उपलब्धियों को लेकर आज मिडिया के सामने होंगे हिचक,आशंकाओं और विरोध के बीच विकास के दो साल -एमपी की इंडस्ट्रियल ग्रोथ सबसे ज्यादा, नक्सलवाद का किया सफाया, सीएम ने गिनाईं दो साल की उपलब्धियां

 

उज्जैन/ भोपाल। दो साल पहले दिसंबर 2023 में मध्यप्रदेश की सत्ता संभालने के बाद हिचक और आशंकाओं के साथ विरोध के बीच प्रदेश में डा. मोहन यादव की सरकार के दो साल बीत गए। इस बीच विकास का अपना स्तर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में कहा, राज्य सरकार ने युवा, गरीब, महिला और किसानों के लिए किए हैं उल्लेखनीय कार्य। सिंचाई का रकबा 48 लाख हेक्टेयर से बढ़कर हो चुका है 100 लाख हेक्टेयर।

डा.मोहन यादव के पद संभालने पर उनके नेतृत्व को लेकर हिचक और कुछ आशंकाएं सभी के मन में थीं। उनके कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने वाले हैं। डॉ. मोहन यादव से कई वरिष्ठ नेता उनके मातहत काम कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रहे प्रहलाद पटेल भी इसमें शामिल हैं तो कैलाश विजयवर्गीय और राकेश सिंह जैसे अनुभवी नेता भी उनकी टीम में शामिल हैं। इस कारण कई बार कैबिनेट में मनमुटाव और दिल्ली में शिकायतों के मुद्दे उठते रहे हैं। ऐसे ही मसलों के चलते ग्वालियर संभाग में ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कुछ समय पूर्व सामने आ चुकी है।

बिहार चुनाव के बाद लगा विराम-

दो साल के कार्यकाल के बाद हाल ही में बिहार में निपटे चुनाव के बाद ऐसी सभी अफवाहों पर विराम की स्थिति आ चुकी है। दो वर्ष के कार्यकाल में डॉ. यादव ने मध्य प्रदेश में बदलाव लाने के पूरे प्रयास किए और काफी हद तक सफल भी रहे हैं।

 

ये बताया खास-

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड सार्वजनिक किया है। बुधवार को इंदौर में एक शादी समारोह में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री ने सरकार के 2 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, “युवा, गरीब, महिला और किसानों के लिए राज्य सरकार ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। खासकर कृषि क्षेत्र में सिंचाई का रकबा डबल किया गया है जो 48 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 100 लाख हेक्टेयर हो चुका है।”उन्होंने आगे कहा “मध्य प्रदेश की इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेट केंद्र से भी ज्यादा है। राज्य औद्योगिक गतिविधियों का केंद्र बन रहा है। बीते 2 सालों के दौरान राज्य में मेडिकल कॉलेज और स्कूलों की संख्या डबल की गई है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं।” इस दौरान मोहन यादव ने मध्य प्रदेश में नक्सलवाद के निर्मूलन का जिक्र करते हुए कहा कांग्रेस के जमाने से नक्सलवाद की बहुत बड़ी समस्या थी। उसे हमने खत्म कर दिया है। हमारे कई जिले आज नक्सल मुक्त हो रहे हैं। कांग्रेस के जमाने में कांग्रेस के एक मंत्री की हत्या कर दी गई थी। उस समस्या की मूल जड़ हिड़मा के मारे जाने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री जी आज भी दुख व्यक्त करते हैं। ये उनका दोहरा चरित्र कांग्रेस का दोहरा चरित्र बताता है कि कांग्रेस सिर्फ आरोप लगाकर ऐसी समस्याओं को जिंदा रखकर गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंदौर के भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे के विवाह कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। प्रदेश सरकार की विकास की गति को उन्होंने स्पीड देने के लिए अपने मंत्रियों की कक्षा भी लगाई है।

ये भी रही उपलब्धियां-

-एक वर्ष में 75 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी

-मेडिकल कॉलेजों की संख्या 25 से अधिक

– केन-बेतवा लिंक परियोजना

– बुंदेलखंड को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने का लक्ष्य

 

-सड़क -इंफ्रास्ट्रक्चर में प्रदेश अन्य राज्यों के लिए उदाहरण ।

 

-संस्कृति ,संवर्धन के लिए विशेष रूझान

ये कमियां भी रही-

– प्रदेश की 2409 उद्योगों पर 1228 करोड़ बिजली बकाया

-सिंहस्थ लैंड पुलिंग योजना

-अनुषांगिक संगठन किसान संघ से टकराव

-निरंतर किसानों का चौतरफा विरोध

-सरकार पर निरंतर बढता कर्ज

– सिंगरौली प्रदुषण खराब, वहां 6 लाख वृक्षों की कटाई,सागर,रायसेन में पेड लगाई

-कोयला प्रदूषण को कम करने की बजाय तीन नई खदानें दी

– प्रचारकों में वैचारिक टूट ,नया दल जनहित पार्टी के रूप में सामने

-सरकार की महिला मंत्री के खिलाफ आरोप

-साइंस हाउस ,आरजीपीवी घोटाला

-अधिकारियों की स्वच्छंदता,जनता पर हाथ छोडे

-कांग्रेस के आरोप 50 हजार करोड विभाग की समीक्षा आधे घंटे में

-मंत्रियों की गलत बयानबाजी से सरकार का ग्राफ गिरा

 

कांग्रेस का कहना कठपुतली सरकार-

विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। उमंग सिंघार के नेतृत्व में प्रदेश की कठपुतली भाजपा सरकार के विरुद्ध सांकेतिक प्रदर्शन किया गया था।   कांग्रेस के फेसबुक पेज पर इसे लगाया गया। जिसमें कहा गया कि आज प्रदेश का युवा बेरोज़गारी से त्रस्त है, चाहे जनसेवा मित्र हों या सरकारी भर्ती प्रक्रियाएँ, सब कुछ ठप पड़ा है। महिलाओं की सुरक्षा संकट में है, किसान आत्महत्या को मजबूर हैं, और बढ़ते अपराधों ने कानून-व्यवस्था को चौपट कर दिया है। प्रदेश की यह दयनीय स्थिति साफ बताती है कि बंदर के हाथ में उस्तरा दे दिया गया है। प्रदर्शन के दौरान विधायकों ने नारेबाजी भी की थी।

 

 

Share:

संबंधित समाचार

Leave a Comment