कई कठिन निर्णयों के शिल्पकार रहे हैं संभागायुक्त सिंह
उज्जैन। बीते कुछ दिनों पहले इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह को सूबे की मोहन यादव सरकार ने उज्जैन संभागायुक्त की जिम्मेदारी सौंपी है। ये वे आशीष सिंह है जो उज्जैन के कलेक्टर और इसके पहले नगर निगम आयुक्त भी रह चुके है।
उज्जैन के पूर्व कलेक्टर और इंदौर जिलाधीश की जिम्मेदारी को बखूबी निर्वहन करने वाले आशीष सिंह की महाकाल की नगरी को सबसे ज्यादा जरूरत थी। उन्होंने उज्जैन के चप्पे-चप्पे, राजनीतिक समीकरणों और लोगों की मानसिकता को गहराई से समझा और परखा है। महाकाल मंदिर से जुड़े विकास कार्य, व्यवस्थाएं और सनातन आस्था से जुड़े कई कठिन निर्णयों के शिल्पकार आशीष सिंह रहे हैं और अपने कार्यकाल में वे इसमें सफल भी रहे हैं। स्पष्ट सोच, प्रैक्टिकल दृष्टिकोण और सख्त निर्णय लेने के लिए जाने जाने वाले आशीष सिंह को उज्जैन में 2028 के सिंहस्थ कुंभ की सफलता के लिए अहम किरदार माना जा रहा है। सरकार उन्हें पहले ही 2028 में होने वाले सिंहस्थ मेले का मेला अधिकारी नियुक्त कर चुकी है।
उज्जैन कलेक्टर के तौर पर आशीष सिंह ने 33 महीने तक जिले की कमान संभाली थी । कोविड के शुरुआती दौर में देश की सर्वाधिक मृत्यु दर की चुनौती के साथ उज्जैन में शुरू हुआ आशीष सिंह का सफर काफी चुनौती भरा था। उसी समय महाकाल परिसर का प्रोजेक्ट का 78 करोड़ का काम बस शुरू ही हुआ था। आशीष सिंह ने प्रोजेक्ट की संभावना को पहचानकर जुलाई 2020 में कार्य को नए तरीके से रिडिजाइन किया और स्मार्ट सिटी के शेष बचे पूरे फंड का उपयोग कर 47 हेक्टेयर पर 1100 करोड़ के महाकाल लोक के वर्तमान स्वरूप की प्लानिंग तत्कालीन सीएम शिवराज के गाइडलाइन में टीम के द्वारा की गई।
एक तरफ कोरोना और दूसरी तरफ महाकाल कॉरिडोर जैसा बड़ा प्रोजेक्ट लेकिन आशीष सिंह ने अपने प्रशासनिक अनुभव के बूते दोनों ही कामों को बखूबी संभालते हुए इसके शहर में एक तरफ कोरोना से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम और दूसरी तरफ महाकाल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के पहले चरण के लोकार्पण को भी पूर्ण करवाया। महाकाल लोक का निर्माण और मात्र 1 साल में रुद्रसागर का पुनरुद्धार कर उसे बारहमासी बनाना वाकई आशी सिंह की एक बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी। इसके पहले भी इंदौर में रहते हुए आशीष सिंह ने देवगुराड़िया के 13 लाख टन कचरे के पहाड़ का निपटान और 56 दुकान निर्माण और महाकाल लोक का निर्माण पूरे देश में स्मार्ट सिटी मिशन के सर्वाधिक प्रभावशाली परियोजनाओं में गिने जा सकते हैं और इन कार्यों की बारीकी से निगरानी औऱ बेहतर कार्य के लिए आशीष सिंह का योगदान बतौर प्रशासनिक अधिकारी सराहनीय रहा।
कुछ दिन पहले जब उन्होंने यह प्रभार संभाला था, तब उन्होंने श्री महाकाल मंदिर, श्री चिंतामन गणेश मंदिर, श्री काल भैरव मंदिर और श्री हरसिद्धि माता मंदिर के दर्शन भी किए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि सिंहस्थ महापर्व 2028 में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विकास कार्यों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करना उनकी प्राथमिकता है। सिंहस्थ के माध्यम से उज्जैन और मध्य प्रदेश का नाम विश्व स्तर पर स्थापित करना मेरा सपना है।
