मरीज की सेवा का नाम और अर्थ का मेवा बटोरने में लगी कंपनी न नियम न कायदा,108 एम्बुलेंस चलाने वाले देख रहे फायदा -श्रम आयुक्‍त के आदेश को हवा में उडाया,श्रम कानून को मजाक बनाया

उज्जैन । मरीज सेवा के नाम पर नियम ,कायदों को ताक पर रखकर काम किया जा रहा है । सीधे तौर पर सेवा के नाम पर अर्थ का मेवा बटोरने का नाम 108 एंबुलेंस है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में यह सब चल रहा है। पूरे प्रदेश में ही एक जैसे हाल कंपनी ने बना रखे हैं।

मध्य प्रदेश में 108 एंबुलेंस एवं जननी एक्सप्रेस संचालित करने के लिए जय अंबे प्राइवेट लिमिटेड को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कुछ वर्ष पूर्व ठेका मिला था। कंपनी श्रम आयुक्त इंदौर के आदेश को हवा में उडा रही है। इसके साथ ही श्रम कानूनों को मजाक बनाकर रख दिया है।

ये है मामला-

ठेका मिलने के चौथे वर्ष में भी न्यायालय के आदेश एवं श्रम आयुक्त इंदौर के आदेश के उपरांत भी कंपनी ने श्रम कानून का पालन नहीं किया। संविदा श्रम अधिनियम (कांटेक्ट लेबर एक्ट लाइसेंस) का लाइसेंस तक नहीं लिया है। कंपनी के पास आज तक कांट्रेक्ट बेस में कर्मचारियों से काम करवाने का लाइसेंस नहीं है। कंपनी पूरे मध्य प्रदेश में 7000 से अधिक कर्मचारियों से काम लेने के साथ ही श्रम कानून का लगातार उल्लंघन कर ही रही है। 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही है।

श्रम आयुक्त का आदेश हवा में उडाया-

संविदा श्रम अधिनियम को लेकर फरवरी 2024 में श्रम आयुक्त कार्यालय इन्दौर से यह आदेश पारित हुआ कि कंपनी 7 दिवस के अंदर लाइसेंस के लिए आवेदन करे, इस मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, जय अंबे प्राइवेट लिमिटेड एवं कर्मचारियों के प्रतिनिधि तीनों पार्टियां मौजूद थीं, उसके बाद भी अब तक कंपनी ने लाइसेंस नहीं लिया।

एनएचएम इसी कंपनी पर क्यों मेहरबान-

श्रम आयुक्त के आदेश के उल्लंघन के बाद भी प्रदेश भर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की कंपनी पर मेहरबानी सवालों के घेरे में है। नियमानुसार ठेका शर्तों में श्रम कानून के तहत पंजीयन एवं अन्य कई शर्तों की पूर्ति करवाई जाती है। उसके बावजूद एनएचएम बराबर पिछले 4 वर्षों से इस कंपनी को तरजीह देते हुए बराबर चला रही है।

न्यायालय में प्रकरण दर्ज-

कंपनी की अनियमितताओं को लेकर फरवरी 2024में श्रम आयुक्त के आदेश पर संज्ञान लेते हुए, श्रम विभाग के द्वारा 25 सितंबर 2024 को संविदा श्रम अधिनियम के उल्लंघन में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी भोपाल के समक्ष प्रकरण दर्ज कराया है। श्रम कानून के अंतर्गत 20 से अधिक ठेका श्रमिक होने पर संविदा श्रम अधिनियम (कांटेक्ट लेबर एक्ट लाइसेंस) लाइसेंस जरूरी है, जबकि कंपनी द्वारा वर्तमान में 108 एंबुलेंस के संचालन में लगभग 7000 से अधिक कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है।

हजारों एंबुलेंस –

एन एच एम के साथ ठेका अनुबंध के आधार पर कंपनी प्रदेश के सभी जिलों में अपने वाहनों का संचालन कर रही है। इसके तहत चार सालों से लगभग 2000 से ज्यादा 108 एंबुलेंस एवं जननी एक्सप्रेस का संचालन किया जा रहा है। इसके एवज में कंपनी को एनएचएम से प्रति माह मोटी रकम मिल रही है।इसके बाद भी कंपनी मध्यप्रदेश के श्रम आयुक्त के आदेश को हवा में उडा रही है और श्रम कानून का पालन नहीं कर रही है।

Share:

संबंधित समाचार

Leave a Comment