उज्जैन। भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रबंध समिति की व्यवस्था के सामने भक्त अपमान से निढाल हैं। सोमवार को एक बार फिर सुबह मंदिर में बाहर से आने वाले कुछ दर्शनार्थियों को न केवल मंदिर की अव्यवस्थाओं का शिकार होना पड़ा वहीं इनके साथ गेट नंबर एक पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों द्वारा दुर्रव्यवहार भी किया गया। दर्शनार्थियों के साथ हुए इस मामले का सबूत दैनिक अवंतिका के पास महफूज है।
मथुरा से महाकाल के दर्शन करने आने वाले आचार्य खगेन्द्र शास्त्री ने अपमान , अभद्रता की स्थिति को बयान करते हुए बताया कि कि वे अपने सात सदस्यीय परिजनों के साथ दर्शन के लिए आए थे। उन्होंने भीड़ को देखते हुए प्रत्येक के लिए ढाई सौ रूपए की रसीद भी प्राप्त की ताकि गेट नंबर एक से अंदर जाकर आसानी से बाबा महाकाल के दर्शन हो सके। उन्होंने बताया कि वे जब परिजनों के साथ जैसे ही गेट नंबर एक पर पहुंचे वहां ड्यूटीरत निजी कंपनी के सुरक्षाकर्मियों ने न केवल उनकी रसीद को फाड़ दिया वहीं यह भी कहा कि जाओं चार नंबर गेट से दर्शन जाकर करो। आरोप है कि कतिपय सुरक्षाकर्मियों ने शीघ्र दर्शन की रसीद को मान्य ही नहीं किया। दर्शनार्थी आचार्य खगेन्द्र शास्त्री ने बताया कि उन्होंने ईमानदारी से सभी सदस्यों की रसीद कटवाई थी लेकिन इसके बाद भी सामान्य दर्शनार्थियों की कतार में लगकर दर्शन करना पड़े। इसके लिए भी उन्हें घूमकर चार नंबर गेट तक जाना पड़ा।
प्रतिमाह आते हैं, भोग भी लाते हैं-
श्री शास्त्री बताते हैं कि वे हर माह ही बाबा महाकाल के दर्शन के लिए मथुरा से उज्जैन आते है। साथ में भोग भी लाते है जिसे वे बाबा महाकाल को अर्पण करते है लेकिन सोमवार की सुबह तो मंदिर में उनके साथ जिस तरह से दुर्व्यवहार किया गया उससे उनका मन खिन्न हो गया है। आरोप यह भी लगाया गया है कि मंदिर के कतिपयों ने नंदी हॉल तक जाकर दर्शन करने के नाम पर 3100 रूपए लगने की भी बात मथुरा से आए इन दर्शनार्थियों से कही थी। हालांकि अवंतिका इस बात की पुष्टि नहीं करता है। जिस तरह से श्री शास्त्री एवं दर्शनार्थियों के साथ हुज्जत करते हुए अपमान एवं दुर्व्यवहार किया गया उसका विडियो साक्ष्य के रूप में महफूज किया गया है।
