बिल्डरों पर रेरा ने निकाली 312 करोड़ की रिकवरी : मध्यप्रदेश में भू-माफियाओं का नंगा नाच

रेरा ने मार्च में लगभग 2 हजार मामलों में आरआरसी जारी की, कायदे से कैलाश शर्मा को चल-अचल संपत्ति जब्त कर जेल भेजना चाहिए!

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ब्रह्मास्त्र इंदौर

कमिश्नर नगरीय विकास एवं आवास ने मार्च के आखिरी हफ्ते में सभी निगम कमिश्नरों और राजस्व अधिकारियों को वसूली के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद अब तक जिलों से कोई जानकारी नहीं आई है। रेरा को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में देरी से परेशान खरीददार शिकायत भेजते हैं। मार्च में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने 20 जिलों में बिल्डरों पर करीब 312 करोड़ रुपए की वसूली के लिए रेवेन्यू रिकवरी सर्टिफिकेट (आरआरसी) जारी किए थे।

इंदौर में 769 मामले की वसूली बाकी
इंदौर में 769 मामलों में 86 करोड़ से अधिक की वसूली होनी है। भोपाल में सबसे ज्यादा 815 मामले हैं। इनमें 169 करोड़ रुपए वसूले जाने हैं। रायसेन में करीब 14 करोड़ की राशि वसूली योग्य है। कुल मिलाकर 20 जिलों में 312 करोड़ से ज्यादा की रिकवरी बाकी है। बिना अनुमति प्रोजेक्ट शुरू करने या नियम तोड़ने पर भी रेरा बिल्डरों पर जुमार्ना लगाता है। इन मामलों में रेरा आरआरसी जारी करता है। फिर यह सर्टिफिकेट नगरीय विकास एवं आवास विभाग को भेजा जाता है। वसूली की जिम्मेदारी जिलों के राजस्व अमले की होती है। अमला पहले नोटिस भेजता है। अगर राशि नहीं मिलती तो चल-अचल संपत्ति भी जब्त कर सकता है। मार्च में ऐसे 1976 मामलों में आरआरसी जारी हुई थी। कमिश्नर सिबि चक्रवर्ती ने कहा कि वसूली को लेकर निर्देश दिए गए थे। जल्द जिलों से फीडबैक लिया जाएगा।

अब तक वसूली की जानकारी नहीं मिली : रेरा के प्रभारी सचिव
राजेश बहुगुणा ने कहा कि अधिकतर आरआरसी पेनल्टी और डिपॉजिट रिफंड के मामलों की हैं। वसूली की जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है।

मार्केटिंग कंपनी और दलालों की रिमांड में होगा खुलासा
ठगोरन कविता महाजन जैसे दलाल लिखा पढ़ी में हाथ बचाकर टेली फोनिक मार्केटिंग के जरिए ग्राहकों से लाखों करोड़ों ठग रहे हैं। पुलिस रिमांड के माध्यम से पूछताछ करना होगी तब कई राज सामने आएंगे। कैसे अवैध मल्टी पर लोन दिलवाया और कितना मुनाफा ठगा।

फाइनेंस कंपनियों का भी नंबर आएगा
अवैध मल्टियों और बीके हुए फ्लैट पर लोन देकर ठगने वाली फाइनेंस कंपनियों और संचालकों का भी नंबर आएगा। उनपर भी कानून का शिकंजा कसना जरूरी है। कंपनियों को मध्यप्रदेश में बेन करने और संचालकों गिरफ्तार किए जाने की आवश्यकता है।

होगी जांच अधिकारी की जांच
कैलाश शर्मा, कविता महाजन जैसे ठगों के खिलाफ थानों पर शिकायतो के ढेर लगने पर भी जांच अधिकारी की जांच पूरी नहीं होने पर ऐसे पुलिसकर्मियों पर भी सख्त से सख्त कार्रवाई होना चाहिए।

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