उज्जैन। नए शहर फ्रीगंज का घंटाघर उज्जैन की सुंदरता को चार चांद लगा देता है। घंटाघर शहर की विशेष पहचान है। लेकिन कुछ दिनों से घंटाघर का समय नहीं बदल पाया है। घंटाघर की घड़ी 3.40 बजा रही है। घंटाघर पर लगी बड़ी घड़ी फिर खराब हो गई है यहां से गुजरने वाले प्रत्येक व्यक्ति की नजर घंटाघर पर पड़ती है। लेकिन जब वह घंटाघर पर लगी घड़ी को देखते है तो उन्हें निराशा होती है। हालांकि नगर निगम द्वारा शहर की धरोहर को संभालने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
जिसके तहत टावर चौक को नया लुक दिया गया है। पिछले दिनों महापौर मुकेश टटवाल ने भी प्राचीन धरोहर टावर को सुरक्षित रखने की अपील की थी।
नए शहर फ्रीगंज में ऐतिहासिक घंटाघर की घड़ी बंद हो गई। कुछ दिनों से ऐतिहासिक घंटाघर की घड़ी की सुइयां एक जगह ठहर गई है। शनिवार रात 9:00 बजे घड़ी 3.40 बजा रही है। इसके पहले भी कई रुपए खर्च कर सुधरा गया था लेकिन घड़ी एक बार फिर से थम गई है।
रखरखाव की कमी कहें या लापरवाही
इसके पहले भी खराब होने पर घंटाघर की घड़ी की मरम्मत हुई थी, लेकिन फिर भी घड़ी की सुइयां थम जाती हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है,कई बार शिकायतें मिलने के बाद भी नगर निगम ने इस घड़ी को सुधरवाया था लेकिन फिर खराब हो जाती है। अब तक कोई मुकम्मल बंदोबस्त नहीं किया है। इस वजह से अभी तक घंटाघर की घड़ी कई बार खराब हो चुकी है।
