दो पहिया वाहन रैली में आए किसान एमपीआरडीसी गो बैक के नारे लगाए
रोड नीचा, मुआवजा ऊंचा का ज्ञापन सौंपा, एनएच के पंजीयन की मांग भी रखी
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
उज्जैन कस्बा एवं उज्जैन तहसील के 8 गांव के किसानों ने एमपीआरडीसी गो बैक के नारों एवं झंडे बैनरों के साथ दो पहिया वाहन रैली निकाली। करीब ढाई घंटे में रैली 8 गांव का भ्रमण करने के साथ कोठी पैलेस होते हुए सड़क विकास निगम के कार्यालय पहुंची। यहां इंदौर क्षेत्र के एमडी गगन भाभर को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान जमकर प्रस्तावित रोड का विरोध किया गया।
इंदौर से उज्जैन के लिए विशेष ग्रीनफिल्ड मार्ग का निर्माण प्रस्तावित है। बन रही इस रोड की लंबाई केवल 48 किलोमीटर है। योजनाअनुसार ग्रीनफिल्ड मार्ग वर्तमान धरातल से करीब 2 मीटर से अधिक ऊंचा बनाया जाना है। इसमें इंदौर जिले के 21 एवं उज्जैन जिले की उज्जैन तहसील के 7 गांव एवं उज्जैन कस्बे का एक गांव की जमीन ली जा रही है। करीब 450 बीघा जमीन उज्जैन जिले की ही इसमें ली जाना है। 400 सर्वे नंबर एवं 280 किसानों की यह जमीन है। इस ग्रीनफिल्ड मार्ग का किसान विरोध कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जिनकी जमीन से ये मार्ग निकल रहा है उन्हें ही इसका फायदा नहीं मिले तो ऐसे मार्ग विकास से क्या मतलब है। विरोध के तहत किसानों ने बुधवार को दो पहिया वाहन रैली निकाली जो ढाई घंटे में उज्जैन के 7 गांव एवं कस्बा से होकर एमपीआरडीसी कार्यालय पहुंची। यहां पर प्रभावित किसानों ने अपनी दो मुख्य मांग के साथ पंजीयन में राष्ट्रीय राजमार्ग के क्षेत्र के इंद्राज किए जाने की मांग भी ज्ञापन देकर उठाई है।
गौ बेक के नारे से रैली की शुरूआत
दो पहिया वाहन रैली की शुरूआत उज्जैन जनपद के अंतर्गत लिंबापिपलिया गांव के चौराहा से हुई। यहां से लेकोडा, हासामपुरा, पालखेड़ी, चांदमुख, दाऊदखेड़ी, चिंतामन से कोठी होते हुए रैली मध्यप्रदेश सडक विकास निगम कार्यालय फ्रीगंज ओव्हर ब्रिज के नीचे पहुंची थी। ढाई घंटे के सफर मे वाहन रैली में करीब 250 से अधिक दो पहिया वाहन शामिल हुए। इन पर सवारों के साथ सहयोगी एमपीआरडीसी गो बैक के झंडे और बैनर हाथों में लिए हुए थे।
ल्ल पोर्टल पर राष्ट्रीय राजमार्ग ही नहीं चढ़ा- किसानों ने एमपीआरडीसी में इंदौर क्षेत्र के डीएम गगन भाभर को ज्ञापन सौंप कर रोड नीचा मुआवजा ऊंचा की मांग रखी। इसके साथ ही किसानों ने एक अन्य ज्ञापन रजिस्ट्रार के नाम देते हुए कहा कि पोर्टल पर राष्ट्रीय राजमार्ग ही नहीं चढ़ा है उसे तत्काल ही इंद्राज करवाया जाए। यहां उपस्थित तहसीलदार जैन को इससे संबंधित ज्ञापन सौंपा गया।
ल्ल मुख्य दो मांग रही-इंदौर से उज्जैन तक बन रही इस रोड की लंबाई केवल 48 किलोमीटर है। वीआईपी लोगों के उपयोग के लिए एक्सप्रेस वे की तर्ज पर इसे बनाया जा रहा है। इंदौर से उज्जैन आने में 30 मिनट इस मार्ग के बनने पर लगेंगे और अगर इस रोड की ऊंचाई सामान्य रखी जाए तो 40 मिनट लगेंगे जिससे हजारों किसानों को व्यापार व्यवसाय का अवसर मिल जाएगा और क्षेत्र का विकास भी होगा। सिंहस्थ में इस रोड पर जाम की स्थिति में अगर सामान्य ऊंचाई रही तो दूसरे लगभग 30 रास्तों से यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचाया जा सकेगा। इस रोड में अधिग्रहित की जा रही किसानों की जमीन का मुआवजा वास्तविक बाजार मूल्य (जो प्रस्ताव संघर्ष समिति ने दिया है) का चार गुना दिया जाए।
