पिंजरे में आए बच्चे,खाना बंद किया तो फिर से छोडा पिपलिया बीछा बीड में आक्रामक मादा जरक को पकडने को लगाया पिंजरा -वेद विद्या प्रतिष्ठान परिसर के आवासों में रहने वालों में डर बना

 

उज्जैन। चिंतामन रोड स्थित वेद विद्या प्रतिष्ठान के परिसर में एक पखवाडे से आई मादा जरक (लकडबग्घा) आक्रामक हो रही है। उसे पकडने के लिए वन विभाग ने पिंजरा लगाया था जिसमें वह तो नहीं आई उसके तीन बच्चे जरूर आ गए। बच्चों ने जब खाना पीना बंद कर दिया तो वन विभाग को उन्हें भी छोडना पडा है। मादा जरक को पकडने के लिए फिर से पिंजरा लगाया गया है।

वन विभाग के वन्य जीव डिप्टी रेंजर मदन मौरे ने बताया कि करीब एक पखवाडे से प्रतिष्ठान के आवासीय क्षेत्र में बच्चों सहित वन्य जीव जरक देखा जा रहा था। कुछ दिनों पूर्व जब उसे यहां के रहवासियों ने भगाया तो उलटा जरक आक्रामक हुई थी। इसकी जानकारी विभाग को मिलने पर यहां जरक को पकडने के लिए पिंजरा लगाया गया था। शनिवार को पिंजरे में जरक के तीन बच्चे आ गए थे। पिंजरे में बच्चे कुछ खा पी नहीं रहे थे। ऐसे में रविवार को पशु चिकित्सक से बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर उन्हें वन विभाग की पिपलिया बीछा की बीड में छोडा गया है। अभी मादा जरक एवं उसके साथ एक बच्चा परिसर में ही इधर उधर हैं जिन्हें पकडने के लिए पिंजरा लगाया गया है।

मादा एवं चार बच्चे घूम रहे –

प्रतिष्ठान से संबंधित सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में एक मादा जरक (लकडबग्घा) अपने चार बच्चों के साथ निरंतर रूप से घूम रही है। रात के अंधेरे में यह एक दम सामने आ जाती है। गर्मी के दिनों में आवासीय परिसर तक आ रही है। इससे यहां रहने वाले परिवारों में भय की स्थिति थी।

बच्चे स्वस्थ थे हमने जांच की-

पशु चिकित्सक अरविंद मैथनिया ने बताया कि वन विभाग ने चिंतामन रोड पर पिंजरा लगाया था वहीं से पकडना बताया । तीन बच्चों को हमने परीक्षण किया है । बच्चे स्वस्थ एवं सक्रिय स्थिति में थे।इनमें एक मादा एवं दो नर हैं और ढाई से तीन माह के लगभग इनकी उम्र का आकलन है। मां से अलग होने की स्थिति में कुछ खा नहीं रहे थे। शारीरिक परीक्षण के बाद उन्हें खुले में छोडने के लिए वन विभाग को लिखित में दिया गया है।

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